इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी पर पाठ्यक्रम का सफल समापन
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी पर आयोजित एक सप्ताह का पाठ्यक्रम आज संपन्न हो गया।
समापन सत्र में विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर अंजू गुप्ता ने पाठ्यक्रम की कार्यवाही का एक व्यावहारिक अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने संसाधन वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाया। इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय (एफईटी) के डीन प्रो. राज कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए इस तरह की पहल के माध्यम से ज्ञानवर्धन के महत्व पर प्रकाश डाला और संकाय सदस्यों के कौशल को बढ़ाने में इन पाठ्यक्रमों की भूमिका पर बल दिया।
कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने पाठ्यक्रम की प्रासंगिकता तथा आयोजन के लिए विभाग की सराहना की। प्रो. तोमर ने छात्रों और संकाय सदस्यों को उन्नत ज्ञान एवं कौशल से लैस करने में ऐसे प्रयासों के महत्व पर बल दिया तथा कहा कि तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य में प्रासंगिक बने रहने के लिए ऐसे पाठ्यक्रम आवश्यक हैं।
पांच दिवसीय कार्यक्रम में विविध सत्र आयोजित किये गये, जिसमें प्रत्येक का संचालन इलेक्ट्रिक वाहनों में विशेषज्ञता वाले प्रतिष्ठित तथा उद्योग विशेषज्ञों द्वारा किया गया, जिसमें जेबीएम ग्रीन एनर्जी सिस्टम्स, गुरुग्राम के सीईओ श्री अरुण कपूर, डीटीयू दिल्ली से प्रोफेसर मुख्तियार सिंह, शारजाह विश्वविद्यालय, संयुक्त अरब अमीरात से प्रोफेसर आर.सी. बंसल, और ऑटोमोबाइल विशेषज्ञ और हीरो मोटोकॉर्प्स के पूर्व जीएम श्री अरुण शिवसुब्रमण्यम प्रमुख रहे। वक्ताओं ने नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों के एकीकरण से लेकर बैटरी प्रौद्योगिकी, चार्जिंग बुनियादी ढांचे, इलेक्ट्रिक मोटर और ड्राइव-ट्रेन, बाजार के रुझान, चुनौतियों और अवसरों से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
इस दौरान क्वार्बज इन्फो सिस्टम्स, कानपुर से डॉ. सालिम कुरेशी और एरा बाजपेयी द्वारा व्यावहारिक सत्र आयोजित किये गये। प्रतिभागियों को बुनियादी से लेकर उन्नत स्तर तक के व्यापक सिमुलेशन पर प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रतिभागियों को फरीदाबाद में इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रमुख विनिर्माण कंपनी ओमेगा सेकी मोबिलिटी (ओएसएम) का दौरा कराया गया। कार्यक्रम के समापन पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। प्रो. पूनम सिंघल ने आयोजकों, संकाय सदस्यों और छात्रों के प्रयासों को स्वीकार करते हुए हार्दिक सभी को धन्यवाद दिया। पाठ्यक्रम का समन्वयन डॉ. साक्षी कालरा और डॉ. अनुभा गौतम द्वारा किया गया।