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भारत विकास परिषद एवं गुरुद्वारा सिंह सभा ने निकाली नमन यात्रा, दिया हिन्दू-सिख भाईचारा का संदेश

फरीदाबाद , जनतंत्र टुडे /  भारत विकास परिषद और गुरुद्वारा सिंह सभा पलवल ने आज गुरु पुत्रों की शहादत पर नमन यात्रा का आयोजन किया। इसमें सर्व समाज के लोगों ने भारी संख्या में भाग लिया। इस यात्रा में सरस्वती शिशु मंदिर, बीके सीनियर सेकेंडरी स्कूल, होली चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल, सेंट सी आर स्कूल, महाराजा अग्रसेन विद्या मंदिर ,धर्म पब्लिक स्कूल और एसवीएन स्कूल के बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ देवी मंदिर कमेटी चौक से पंच प्यारों की अगुवाई में यह यात्रा बाजार से होते हुए मीनार गेट गुरुद्वारा साहिब एवं शहर से होते हुए पंचवटी मंदिर पर समाप्त हुई। इस यात्रा का यह पांचवां साल है।

बाजार में नमन यात्रा का भव्य स्वागत हुआ। पंचवटी पर परम पूज्य महंत कामता दास ने पांच प्यारों का भव्य स्वागत किया। पंचवटी पर ही लंगर का आयोजन किया गया। इस यात्रा में सिख संगत के साथ-साथ दोनों गुरुद्वारों के पदाधिकारी भारत विकास परिषद पलवल एवं माधव शाखा के स्वतंत्र गोयल, अनिल मोहन मंगला, सतीश कौशिक, रवि दत्त भारद्वाज, नरेंद्र अग्रवाल, गुलशन गोयल, भगवत स्वरूप सिंगला, देवेंद्र अग्रवाल, भूषण गोयल, डॉ.अनूप सिंह, सरदार मोहन सिंह, सरदार अवतार सिंह, सरदार महेंद्र सिंह, सरदार अनूप सिंह एवं पूर्व विधायक दीपक मंगला की विशेष उपस्थिति रही। फरीदाबाद से अरुण वालिया सामाजिक सद्भाव संयोजक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ फरीदाबाद सम्मिलित हुए। अरुण वालिया ने कहा कि हम सभी को सप्ताह में एक बार अवश्य गुरुद्वारा साहिब जाना चाहिए गुरुओं की वाणी को सुनना चाहिए और उनके ऊपर चलने का प्रयास करना चाहिए।

इस अवसर पर अरुण वालिया ने कहा कि हम सदैव ऋणी रहेंगे, गुरु परिवार की शहादत के जिसकी वजह से आज यह देश यह धर्म बचा हुआ है। मानव इतिहास में किसी परिवार द्वारा दी गई यह सबसे बड़ी शहादत है। उन्होंने कहा कि मेरी आप से विनती है कि गुरु परिवार, गुरु पुत्रों की शहादत उनके बलिदान की गाथा को सभी तक पहुंचाएं और इस समय जब पूरे विश्व मे युद्ध,भय और अशांति का माहौल है, हम अपने गुरुओं की “सरबत दा भला” मानवता, समरसता, सद्भाव और सेवा की वाणी को घर घर पहुंचाने का प्रयास करे। अपनी वाणी को विराम देते हुए अरुण वालिया कहा कि गुरु पुत्रों का यह बलिदान, याद रखेगा हिंदुस्तान। अनिल मोहन मंगला ने बताया कि अरुण वालिया जी पिछले 4 सालों से गुरु गोविंद सिंह जी और उनके परिवार की धर्म और राष्ट्र के लिए दी गई शहादत को नमन करने के लिए शहीदी सप्ताह में पलंग/बेड त्याग कर जमीन पर सोते है।

कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने गुरु गोविंद सिंह के परिवार के बलिदान को देश और कौम के लिए इतिहास की सबसे बड़ी शहादत बताया। विद्यार्थियों में एक बहुत ही जोश था। सभी ने मानव इतिहास के सर्वोच्च बलिदान, जो गुरु गोविंद सिंह और उनके परिवार द्वारा दिए गए बलिदान को नमन किया। इस अवसर पर अनिल मोहन मंगला ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि चार साहिबजादों की देश और धर्म के लिए दी गई कुर्बानी को हमेशा याद रखना चाहिए।हमें देश हित के लिए ईमानदारी से कार्य करने की जरूरत है। बोले सो निहाल सत श्री अकाल और जय श्री राम के उद्घोष के उपरांत लंगर का आयोजन किया गया।

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