भगवान ने सभी में समता का भाव रखने को श्रेष्ठ योग बताया – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर श्री सिद्धदाता आश्रम में संचालित स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने योग अभ्यास का प्रदर्शन किया। इसका लाइव टेलिकास्ट अनेक देशों में भक्तों द्वारा देखा गया।
इस अवसर पर आश्रम के अधिपति एवं महाविद्यालय के चेयरमैन अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित में योग दिवस कार्यक्रम का डिजिटल माध्यमों से दुनिया भर के भक्तों के लिए प्रसारण किया गया। जिसे लाखों की संख्या में देखा सुना गया। इस अवसर पर श्री गुरु महाराज ने कहा कि योग आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। इसके लिए इसके आठ अंगों की स्थापना की गई। व्यक्ति चाहे तो इस मार्ग पर चलते हुए अपने मन और बुद्धि को संबल प्रदान कर जीवन को सफल बना सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में समता को सबसे श्रेष्ठ योग बताया है। मानव को चाहिए कि वह सभी जीवों के प्रति समता का भाव रखे और किसी के कष्ट का कारण न बने। उन्होंने कहा कि मानव को मानवता वाले कार्य करने चाहिए। ऐसा
करने वाले जीव भगवान को अतिप्रिय होते हैं। उन्होंने सभी बच्चों एवं भक्तों को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन संपादक शकुन रघुवंशी ने किया।
वहीं बच्चों को योग की क्रियाओं का अभ्यास योगाचार्य विपिन शर्मा ने करवाया। बच्चों के यौगिक क्रियाओं को देखकर सभी विस्मित हुए बिना नहीं रह सके। गौरतलब है कि आश्रम परिसर में संचालित होने वाले स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय में छात्र पूर्णकालिक हास्टल सुविधा के साथ शास्त्री स्तर तक निशुल्क शिक्षा प्राप्त करते हैँ
और समय समय पर अनेक प्रतियोगिताओं में भागीदारी कर पुरस्कार प्राप्त करते हैं। आज के योग दिवस समारोह में तय हुआ कि बच्चे योग की प्रतियोगिताओं में भी भागीदारी करेंगे।