प्रतीकात्मक चित्र
Faridabad - फरीदाबाद

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने की माॅब रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम की शुरुआत

फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे

अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने और नवीनतम तकनीकों में डॉक्टरेट अनुसंधान के लिए उत्कृष्ट युवा शोधकर्ताओं को आकर्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने माॅब रिसर्च फेलोशिप (एमआरएफ) प्रोग्राम की शुरुआत की है। . फैलोशिप को विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ – वाईएमसीए माॅब द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। माॅब रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम को हाल ही में वाईएमसीए एमओबी द्वारा पूर्व छात्रों के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान लॉन्च किया गया था।
इस पहल का विवरण देते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने कहा कि शोधकर्ताओं को नवीन अनुसंधान करने के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना विश्वविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य है। विश्वविद्यालय ने न केवल अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बल्कि अनुसंधान की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं जिसमें रिसर्च अवार्ड, सीड मनी अवार्ड और अनुसंधान प्रयोगशालाओं का अपग्रेडेशन शामिल हैं। विश्वविद्यालय द्वारा रिसर्च स्कॉलरशिप के अलावा हाल ही में एआईसीटीई डॉक्टोरल फेलोशिप और आईसीजेसीबी फेलोशिप की गई है ताकि नियमित शोध कार्यों को प्रोत्साहन दिया जा सके। साथ ही, विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा एवं उद्योग के बीच संपर्क को मजबूत बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ के सहयोग से शुरू किया गया एमआरएफ प्रोग्राम न केवल उद्योग-उन्मुख अनुसंधान को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय उद्योगों को समाधान भी प्रदान करने में मददगार होगा। 
वाईएमसीए माॅब के अध्यक्ष श्री सुखदेव सिंह ने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए विश्वविद्यालय की पहल का समर्थन करने के लिए पूर्व छात्र संघ हमेशा आगे रहा है। माॅब रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम का उद्देश्य औद्योगिक समस्या के समाधान के लिए मौलिक विचारों तथा उद्योग से संबंधित अनुसंधान के संचालन में नवीन पद्धति के उपयोग को बढ़ावा देना है। फेलोशिप प्रोग्राम के तहत चयनित रिसर्च फेलो को 35,000 रुपये तक की फेलोशिप राशि और अन्य लाभ प्रदान किये जायेंगे। फेलोशिप प्रोग्राम के तहत, अच्छे अकादमिक रिकॉर्ड वाले युवा शोधार्थियों को औद्योगिक विशेषज्ञों के साथ शोध के लिए संवाद करने का पर्याप्त अवसर प्रदान किया जाएगा। फेलोशिप की अवधि तीन वर्ष होगी जोकि विशेष मामलों में विश्वविद्यालय की सिफारिश पर दो साल तक बढ़ाई जा सकती है। फेलोशिप प्रोग्राम के तहत शोधकर्ताओं को फेलोशिप से अलग अन्य अनुदान भी प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि फेलोशिप के अंतर्गत अनुसंधान कार्य की प्रगति की निगरानी विशेषज्ञों की एक समिति करेगी जोकि फेलोशिप की निरंतरता को लेकर समय-समय पर सिफारिश करेंगी। 
माॅब रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम के तहत प्राथमिकता वाले अनुसंधान क्षेत्रों में औद्योगिक इंजीनियरिंग और संबद्ध प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स और मेक्ट्रोनिक्स, ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय और सतत ऊर्जा, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड मोबिलिटी, स्मार्ट सिटी, आवास और परिवहन, आईओटी, आई2ओटी, और एम्बेडेड सिस्टम, नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी, बिग डेटा, मशीन लर्निंग, और एआई, बायोमेडिकल और रिहेबलिटेशन, कृषि और खाद्य उद्योग के लिए स्मार्ट टेक्नोलॉजीज, जल शोधन, और संरक्षण और प्रबंधन शामिल हैं।

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