डीएवी शताब्दी महविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया के शिक्षक सेवा में 36 वर्ष पूर्ण होने पर हवन का आयोजन
फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / डीएवी शताब्दी महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया को आज वाणिज्य विभाग में सेवा देने के 36 वर्ष पूरे हो गए हैं | इस अवसर पर महाविद्यालय प्रांगण में एक हवन का आयोजन किया गया जिसमे सभी शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों ने भाग लिया |
वर्ष 1986 में महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय से एम.कॉम में गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. भाटिया ने आज ही के दिन 14 दिसंबर 1988 में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में अपने शिक्षण करियर की शुरुआत की | एशिया व इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में डॉ. भाटिया का नाम एक घंटे में 69 स्टेटिस्टिक्स विषय की परिभाषाएं व उनके लेखकों के सही नाम लिखने के लिए दर्ज है | इसके अलावा हरियाणा सरकार द्वारा भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वर्ष 2023 में उनको स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया गया | उन्होंने 9 शैक्षणिक, 12 गैर शैक्षणिक किताबों का लेखन करने के साथ-साथ 51 शोधपत्रों का प्रकाशन भी विभिन्न राष्ट्रिय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में किया है | वहीं 5 पेटेंट्स भी प्राचार्या के नाम पर दर्ज हैं | 5 रिसर्च स्कॉलर्स उनके मार्गदर्शन में अपनी पीएचडी की डिग्री हासिल कर चुके हैं और कुछ अभी भी अध्ययनरत हैं | इसके अलावा अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में उन्होंने परीक्षक, शोध विशेषज्ञ, संपादकीय बोर्ड सदस्य, आदि के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं | गुणवत्तापूर्ण शिक्षण देने के साथ-साथ छात्रों के सर्वांगीण विकास से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में भी डॉ. भाटिया की भूमिका अतुलनीय रही है |
एसएफएस ओवरऑल कोर्डिनेटर डॉ. रूचि मल्होत्रा ने बताया कि डॉ. भाटिया में बेहतर समन्वय व सहयोग हमेशा दिखाई देता है जिसके कारण वो महाविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर लेकर गई हैं | डॉ. शिवानी तंवर ने बताया कि डॉ. भाटिया ने हमेशा ही बड़ों को सम्मान व छोटों को प्यार दिया है | डॉ. अंजू गुप्ता ने बताया कि डॉ. भाटिया में अच्छे नेतृत्व गुणों के साथ अच्छी प्रबंधन क्षमता शामिल है | डॉ. भाटिया के साथ 33 वर्षों का सफर तय कर चुकी मैडम सुनीता डुडेजा ने बताया कि वो काफी सपोर्टिव रही हैं और पारिवारिक मामलों में भी उन्होंने हमेशा मदद की है | वो दूसरों को भी पढ़ने-पढ़ाने के लिए प्रेरित करती हैं | वहीं गैर शिक्षक कर्मचारी व मेंटेनेंस इंचार्ज रामकुमार ने बताया कि अपने बेहतर शिक्षण तरीकों की वजह से डॉ. भाटिया छात्रों की पहली पसंद रही हैं व उनकी खुशमिजाज प्रवृति उन्हें कठिनाइयों से पार पाने में मदद करती है |
अपने संबोधन में डॉ. भाटिया ने सभी स्टाफ मेंबर्स का स्वागत किया और कहा कि हम सभी की यह जिम्मेदारी व नैतिक दायित्व है कि अपने कर्तव्यों का निर्वाह हम पूर्ण जिम्मेदारी, निष्ठा व ईमानदारी के साथ करें |