हर बेटी की परेशानी समझते हुए समाधान सुनिश्चित कर रहा है आयोग, चेयर परसन रेणू भाटिया ने सभी के साथ मिलकर ली बाल विवाह रोकने की शपथ
फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / हरियाणा महिला आयोग की चेयरपरसन रेणू भाटिया ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों के लिए आयोग पूरी तरह से सजग है और किसी भी रूप से महिला अत्याचार को सहन नहीं किया जा रहा है। हर बेटी की परेशानी को समझते हुए उसका समाधान सुनिश्चित करने में आयोग अपनी सक्रिय भूमिका अदा कर रहा है। श्रीमती भाटिया मंगलवार को फरीदाबाद लघु सचिवालय सभागार में फरीदाबाद जिला के महिलाओं से संबंधित आयोग के समक्ष आए मामलों की सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की सुनवाई के साथ ही न्यायोचित कार्यवाही आयोग की ओर से की जा रही है। मंगलवार को फरीदाबाद जिला के करीब 14 मामले आयोग की सुनवाई के दौरान रखे गए जिनमें से अधिकांश का समाधान चेयरपर्सन रेणू भाटिया द्वारा किया गया। सुनवाई के उपरांत राहत मिलने पर शिकायतकर्ताओं ने आयोग की कार्यशैली की सराहना की।
परिवादों की सुनवाई करने उपरांत चेयरपर्सन रेणू भाटिया ने कहा कि बदलते परिवेश में आपसी रिश्ते छोटी-छोटी बातों से विघटित होते हैं और महिला और अथवा पुरुष दोनों में बर्दाश्त की कमी भी आपसी कलह का प्रमुख कारण बनती है। ऐसे में पूरा सामंजस्य रखते हुए छोटी बातों को दरकिनार करते हुए सकारात्मक सोच को जागृत कर परिवार को विघटित होने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिला आयोग प्रदेश भर में बेटियों को उनके अधिकारों को दिलाने के लिए कृतसंकल्प है और किसी भी रूप से बेटियों व महिलाओं के साथ अन्याय न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ताओं की सुविधा के लिए वे स्वयं जिला स्तर पर पहुंचकर परिवादों का निपटान कर रही हैं जिससे पीड़ितों को समय पर न्याय भी मिल रहा है। सुनवाई के दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए जींद के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के मामले में उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर आयोग गंभीर है और एसआईटी की रिपोर्ट आने के साथ ही न्यायोचित कार्रवाई करने में आयोग संजीदगी बरतेगा।
बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता की जगाई अलख :
परिवादों की सुनवाई के दौरान हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणू भाटिया ने उपस्थित अधिकारियों व आमजन के साथ बाल विवाह के खिलाफ एकजुट होकर समाज में आगे बढ़ने की संकल्प लिया। उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता की अलख जगाते हुए कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई और कानून का उल्लंघन है, जो बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और विकास में बाधक है। ऐसे में बेटियों के समपने को साकार करने से रोकने का हक किसी को नहीं दिया जा सकता। उन्होंने सभी को शपथ दिलाई कि वे बाल विवाह रोकने के खिलाफ हर संभव प्रयास करेंगे और वे स्वयं सहित अपने पड़ौस, रिश्तेदार व समुदाय में किसी बालिका का बाल विवाह नहीं होने देंगे। साथ ही यदि कोई इस प्रकार का कदम उठाता है तो उसकी सूचना संबंधित पंचायत, जिला प्रशासन व सरकार को देंगे। उन्होंने संकल्प दिलाया कि आओ सभी मिलकर बच्चों की शिक्षा व सुरक्षा के लिए अपनी आवाज को बुलंद करें और बाल विवाह मुक्त भारत बनाने में अपनी भागीदारी निभाएं।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी मीनाक्षी चौधरी, बाल संरक्षण अधिकारी हेमा कौशिक सहित अन्य संबंधित पुलिस अधिकारीगण मौजूद रहे।
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