समाज के हित में करें नवाचार और अनुसंधान का उपयोगः प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार
फरीदाबाद जनतंत्र टुडे / जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज 56वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया और शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा पूर्व छात्रों को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों पर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की शुरूआत वर्ष 1969 में एक इंडो-जर्मन डिप्लोमा संस्थान के रूप में हुई थी, जिसे वाईएमसीए इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग के नाम से जाना जाता था। वर्ष 2009 में इस संस्थान को विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड किया गया। इस प्रकार, विश्वविद्यालय ने एक शिक्षण संस्थान के रूप में अपने 55 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार और विशिष्ट अतिथि विक्टोरा इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक, उद्योगपति और सामाजिक कार्यकर्ता श्री एसएस बंगा रहे। इस अवसर पर अन्य गणमान्य अतिथियों में हरियाणा पर्यावरण सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रोफेसर एस.एल. सैनी, आईओसीएल के पूर्व डीजीएम श्री कृष्ण सिंघल, विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ वाईएमसीए एमओबी के अध्यक्ष श्री सुखदेव सिंह और फरीदाबाद के विश्व प्रकाश मिशन के अध्यक्ष श्री राकेश सेठी शामिल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत में डीन आफ इंस्टीट्यूशन्स प्रोफेसर तिलक राज ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विकास पर प्रस्तुति दी, जिसके उपरांत विश्वविद्यालय पर आधारित वृतचित्र प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम को संबोधन करते हुए प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने विश्वविद्यालय को स्थापना दिवस पर बधाई दी और शिक्षा की गुणवत्ता को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने छात्रों को उभरती प्रौद्योगिकी के साथ अपडेट रहने और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने तकनीकी प्रगति के कारण विज्ञान और इंजीनियरिंग के बीच निकटता को लेकर भी चर्चा की तथा विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
जाने-माने पर्यावरणविद् श्री एसएस बंगा ने पर्यावरण संरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण पहल को साझा किया और छात्रों को ऐसे प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने स्थापना दिवस के महत्व को चिंतन और रणनीतिक योजना के अवसर के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने गांव भाकरी में फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर को विकसित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने छात्रों से रोजगार के साथ-साथ शोध के लिए भी प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में प्रो. एस.एल. सैनी और श्री कृष्ण सिंघल ने भी अपने अनुभव छात्रों के साथ साझा किए। श्री सुखदेव सिंह ने छात्रों को पूर्व छात्र संघ एमओबी द्वारा आयोजित गतिविधियों से अवगत कराया। इससे पहले अतिथियों ने जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने छात्रों द्वारा प्रदर्शित तकनीकी परियोजनाओं की प्रदर्शनी का भी दौरा किया। समारोह के समापन पर कुलसचिव डाॅ. मेहा शर्मा ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इससे पहले अतिथियों ने जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित प्रोजेक्ट प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
कार्यक्रम के दौरान, विश्वविद्यालय में संकाय सदस्यों, छात्रों और पूर्व छात्रों के योगदान को मान्यता देते हुए पुरस्कार दिए गए। डाॅ अनुराग सुंडा, डॉ सोमवीर बजर, डॉ प्रीत कौर और डॉ सोनिया बंसल को शोध के क्षेत्र में उनके असाधारण समर्पण के लिए रिसर्च प्रोजेक्ट ग्रांट अवार्ड से सम्मानित किया गया। ‘स्टार एलुमनाई’ सम्मान प्रतिष्ठित पूर्व छात्र राजिंदर लवासा, डॉ श्रीकृष्ण योगी और सचिन देव शर्मा को दिया गया।
इसके अलावा, 2023 में अकादमिक उत्कृष्टता के लिए 11 छात्रों को कुलपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया, जिनमें नीरज कुमार, निदा खान, आर्यन, कुणाल कुमार, तृप्ति अग्रवाल, आकांक्षा शर्मा, संचित शर्मा, ध्रुव, राहुल, सपना यादव और अभिषेक शामिल रहे। कनिका नरवत और प्रिंस चक्षु को उत्कृष्ट खिलाड़ी पुरस्कार प्रदान किए गए। निशु को सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन का पुरस्कार मिला, जबकि सुशील कुमार और साहिल कौशिक को सामुदायिक सेवाओं में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। यशिता शर्मा, यशिता मागो और टीम उम्मीद के सदस्यों तरुण, हर्ष और वंश को उत्कृष्ट नवाचार पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विभिन्न क्लबों के छात्रों ने नृत्य, नाटक और योग प्रदर्शन सहित कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिन्हें सभी उपस्थित लोगों ने खूब सराहा। कार्यक्रम का आयोजन डीन स्टूडेंट वेलफेयर के कार्यालय द्वारा डॉ. मुनीश वशिष्ठ की देखरेख में किया गया।