नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को उन्नत बनाने को लेकर आयोजित कार्यक्रम संपन्न
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के सहयोग से सतत ई-गतिशीलता के लिए नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को उन्नत बनाने के विषय पर आयोजित एक सप्ताह का संकाय विकास कार्यक्रम संपन्न हो गया।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिष्ठित वक्ताओं ने अपनी विशेषज्ञता साझा की। हिताची एनर्जी की ओर से डॉ. शिवानी शर्मा ने ऊर्जा संक्रमण और ग्रिड एकीकरण नीतियों पर दृष्टिकोण साझा किया। एनएसयूटी से प्रोफेसर प्रेरणा गौड़ और डीटीयू से प्रोफेसर रिजवान ने प्रतिभागियों को ई-मोबिलिटी की तकनीकी बारीकियों, बैटरी प्रौद्योगिकियों और चार्जिंग बुनियादी ढांचे को कवर करने के बारे में बताया।
कार्यक्रम के अंतर्गत टाइफून एचआईएल से एरा बाजपेयी द्वारा व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र का आयोजित किया गया। प्रोफेसर राजेश आहूजा और श्री आलोक भटनागर ने रेंज, लागत और प्रदर्शन के बीच नाजुक संतुलन पर बल देते हुए मजबूत चार्जिंग नेटवर्क और बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, डीटीयू के प्रोफेसर मुख्तयार सिंह ने ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में नवाचार और सहयोग के नए अवसरों पर प्रकाश डाला, जबकि टेरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नैकी अनवर ने ई-मोबिलिटी को व्यापक रूप से अपनाने को लेकर नीति और विनियमन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जानकारी साझा की।
कार्यक्रम के दौरान इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता ओमेगा सेकी मोबिलिटी का एक औद्योगिक दौरा भी किया गया, जिससे प्रतिभागियों को इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त हुआ। प्रोफेसर संजय अग्रवाल ने नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को उन्नत बनाने पर अपनी विशेषज्ञता साझा की तथा सतत समाधान में अनुसंधान और विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। डॉ. अविनाश त्रिपाठी ने ई-मोबिलिटी के गतिशील क्षेत्र में उद्योग और शिक्षा जगत के बीच सहयोग को बढ़ावा देने को लेकर जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रश्मी अग्रवाल और डॉ. योगेन्द्र आर्य द्वारा किया गया।