जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय थिएटर कार्यशाला का शुभारंभ
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के साहित्य एवं भाषा विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय थिएटर कार्यशाला आज प्रारंभ हो गई। कार्यक्रम का आयोजन कुलपति प्रो. एस.के. तोमर के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत कार्यशाला समन्वयक सहायक प्रोफेसर ममता बंसल के स्वागत संबोधन से हुई, जिसके बाद कार्यशाला संयोजक प्रो. दिव्यज्योति सिंह ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कार्यशाला को विश्वविद्यालय में साहित्य के छात्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।
प्रतिभागियों को प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक प्रो. रवि चतुर्वेदी जोकि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र भी रहे है, कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि रहे। इस अवसर पर सम्मानित अतिथियों में इंडियन सोसाइटी ऑफ थिएटर रिसर्च के सचिव डॉ. शिव सिंह पहलावत तथा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हर्षवर्धन चतुर्वेदी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञता और अनुभव छात्रों के साथ साझा किया।
कार्यशाला के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों में हर्षवर्धन चतुर्वेदी द्वारा संचालित थिएटर अभ्यास और प्रो. रवि चतुर्वेदी का व्याख्यान आकर्षण के केन्द्र रहे। प्रो.चतुर्वेदी ने भारत के नाट्यशास्त्र और अरस्तू के काव्यशास्त्र के बीच समानताओं पर चर्चा की तथा भारतीय एवं पश्चिमी परंपराओं के बीच अंतर स्पष्ट किया। इस अवसर पर एमए अंग्रेजी के छात्रों ने शेक्सपियर के नाटक ‘द मर्चेंट ऑफ वेनिस’ पर प्रस्तुति दी। प्रस्तुति देने वाले छात्रों में केरेन, अंशिका, कल्पना, खुशी और मोनिका शामिल रहे, जिन्होंने नाटक के पात्रों को शानदार ढंग से चित्रित किया।
सत्र को संबोधित करते हुए लिबरल आर्ट्स और मीडिया स्टडीज संकाय की डीन प्रो.पूनम सिंघल ने विश्वविद्यालयों में मानविकी-उन्मुख पाठ्यक्रमों की महत्वपूर्ण भूमिका और समग्र शिक्षा के महत्व पर बल दिया। कार्यशाला में 150 प्रतिभागियों की भागीदारी रही। साहित्य एवं भाषा विभाग के अध्यक्ष प्रो. अतुल मिश्रा ने कार्यशाला के आयोजन में शामिल सभी लोगों का आभार जताया।
तीन दिवसीय थिएटर कार्यशाला का क्रियान्वयन संकाय सदस्यों में सहायक प्रोफेसर एमए रहमानी, प्रेरणा, अनीता, रचिता के साथ-साथ विभाग के शोधकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है।