द्वारका स्थित दीन दयाल उपाध्याय काॅलेज के सभागार में उत्तराखंड के लोकनृत्य ने लोगों का किया भरपूर मनोरंजन
फरीदाबाद , जनतंत्र टुडे / द्वारका स्थित दीन दयाल उपाध्याय काॅलेज के सभागार में सामाजिक, शैक्षिक एव सांस्कृतिक उत्थान के लिए अग्रसर संस्था द्वारका उतराखण्डी उत्तरायणी समिति द्वारा घुघुती समारिका का विमोचन बड़ी धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्जवलित व गणेश वंदना से की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में डीन ऑफ कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रोफेसर बलराम पाणि और प्रोफेसर दयाल सिंह पंवार, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अरविंद सिंह रावत, अध्यक्ष प्रेम सिंह रावत, कोर कमेटी के सभी मेंबर सहित संस्था के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। स्मारिका के विमोचन पर उत्तराखंड के लोक नृत्यों को उपस्थित लोगों भरपूर आनंद उठाया।
द्वारका उतराखण्डी उत्तरायणी समिति अध्यक्ष प्रेम सिंह रावत ने कहा कि भारतीय संस्कृति में देवभूमि उत्तराखंड अपनी संस्कृति एवं अद्भूत सौंदर्य व प्राचीन परंपराओं को सहेजे हुए है। लोक संस्कृति एवं लोकगीतों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की हुई है। इस समारिका में उत्तराखंड वासियों को अपनी जन्मभूमि एवं अपनी संस्कृति को स्मरण करने को प्रेरित करेगी तथा जनमानस को इसकी जानकारी प्राप्त होने के साथ साथ युवाओं के लिए भी स्मारिका अपनी संस्कृति को पहचानने में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होने के साथ प्रेरणा का स्रोत्र भी बनेगी।
उत्तराखंड की अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य की मानिंद इसकी संस्कृति भी बेहद खूबसूरत और विशिष्ट है। यहां के लोक जीवन, लोकगीतों में अपनी संस्कृति का गौरवशाली इतिहास आज भी स्पंदित है। कुछ तो बात है, जो उत्तराखण्ड की संस्कृति को अनूठी और विशिष्ट बनाती है, इसलिए तो यहां का समुदाय अपना विनीत परिचय देते हुए -करीने से संजोए अपने अतीत के गौरवशाली इतिहास को, वर्तमान में अनुभूत जीवन पलों को एक साथ पिरोकर एक खूबसूरत लोकगीत के रूप में अपना परिचय देते हुए कहने लगता है कि – “हम उत्तराखंडी छा ” तो यह आत्मीयता का आलोक, समस्त अजनबीपन के एहसास के तिमिर को आलोकित कर देता है l
विमोचन पर हमने सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि, विषय पर अपने विचार रखें उन्होंने सभी से ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ कार्य करने की प्रतिज्ञा लेने की अपील की। उन्होंने यह भी बताया कि हम लोग उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रसार प्रचार के लिए द्वारका उपनगरी में कई वर्षों से सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करते रहते है।