लैंग्वेज लेवल पास करने वाले विद्यार्थीयों को जापान से आया रोजगार का न्यौता , एयरलाइंस में खानपान सुरक्षा पर भी हुआ मंथन
फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन ऑफ वेलफेयर सर्विसेज के तत्वावधान में जापानी प्रतिनिधंडल द्वारा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में सेमिनार का आयोजन किया गया। काईगो पर आधारित इस सेमिनार में जापानी प्रतिनिधियों ने डिप्लोमा इन जैपनीज को विद्यार्थियों को रोजगार की संभावनाओं से अवगत करवाया। साथ ही जापान से आए
हीरोया यागुची ने विद्यार्थियों को जापान में एल्डर केयर के क्षेत्र में रोजगार की पेशकश भी की। उन्होंने कहा कि लेंग्वेज लेवल की शर्त पूरी करने वाले हर विद्यार्थी का जापान में स्वागत है। विद्यार्थियों के भी जापानी भाषा में अभिवादन कर विदेशी मेहमानों का दिल जीत लिया।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि जापानी और भारत के सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं। दोनों देशों की संस्कृति और उत्सवों में भी समानता है। वहां रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन जापानी भाषा पर पकड़ पहली शर्त है। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने भी विद्यार्थियों को जैपनीज में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
हीरोया यागुची, को सातो, टामे इगुची और क्योक ताकमोतो सहित कई जापानी मेहमान उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ. नकुल, मिर्सिडा कॉन्सम, डॉ. भावना रूपराई सहित काफी संख्या में शिक्षक उपस्थित थे।
एयरलाइंस में खानपान सुरक्षा पर हुआ मंथन
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के स्किल डिपार्टमेंट ऑफ टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी द्वारा एयरलाइन खानपान में खाद्य सुरक्षा पर विशेषज्ञ सत्र का आयोजन किया गया। सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में खाद्य सुरक्षा प्रमाणन और एचएसीसीपी प्रशिक्षक अमित खन्ना ने विद्यार्थियों को एयरलाइन में खाद्य सुरक्षा के महत्व और मानकों के बारे में बताया। उन्होंने यात्रियों के स्वास्थ्य और संतुष्टि को सुनिश्चित करने में खाद्य सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। इस कार्यक्रम में डिप्लोमा इन एयरलाइंस मैनेजमेंट, बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट और अंडरग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन फूड प्रोडक्शन के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
अमित खन्ना ने कहा कि चौकसी से एयरलाइंस खाद्य जनित बीमारियों से जुड़े जोखिमों को कम कर सकती हैं और खानपान प्रक्रिया के दौरान गुणवत्ता के उच्च मानकों को बनाए रख सकती हैं। सत्र के दौरान उन्होंने प्रमुख सिद्धांतों को रेखांकित किया, संभावित खतरों की पहचान करने, महत्वपूर्ण नियंत्रण बिंदुओं की स्थापना और निगरानी प्रक्रियाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। विभागाध्यक्ष डॉ. सविता शर्मा ने प्रशिक्षक अमित खन्ना का आभार ज्ञापित किया।