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फैशन का भविष्य तय कर बनाएं अपना करियर.

फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / फैशन हमेशा आकर्षक, ग्लैमरस और रोमांच से भरा हुआ क्षेत्र है। इसमें करियर विकल्प के तौर पर युवाओं के जेहन में फैशन डिजाइनर या ब्यूटिक आता है, लेकिन आज फैशन के क्षेत्र में करियर के कुछ और विकल्प है। यदि आप में रचनात्मकता और मौलिकता है तो फैशन फोरकास्टिंग आपके लिए एक बेहतर करियर साबित हो सकता है। दरअसल, फैशन फोरकास्टिंग और फैशन डिजाइनिंग समरूप हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि आप फैशन फोरकास्टिंग में फैशन डिजाइनिंग से एक कदम आगे होते हैं। यहां आप आने वाले ट्रेंड और रुझानों को तय करते हैं। फैशन से जुड़े ट्रेंड की भविष्यवाणी इस पेशे का मुख्य हिस्सा है। फैशन फोरकास्टिंग फैशन इंडस्ट्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह डिजाइनर्स, रिटेलर्स, और मार्केटर्स को यह समझने में मदद करता है कि उपभोक्ता अगले सीज़न में क्या खरीदना चाहेंगे। इसके अलावा, यह फैशन ब्रांड्स को उनके प्रोडक्ट्स और कलेक्शन्स को सही दिशा में विकसित करने में मदद करता है।

रोमांचक है फैशन फोरकास्टिंग-

फैशन फोरकास्टिंग एक ऐसा प्रोसेस है जिसके माध्यम से भविष्य की फैशन ट्रेंड्स की भविष्यवाणी की जाती है। यह कला और विज्ञान का एक संगम है, जहां फैशन विशेषज्ञ वर्तमान फैशन ट्रेंड्स का विश्लेषण करके और विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक, और आर्थिक प्रभावों का अध्ययन करके आने वाले फैशन रुझानों का पूर्वानुमान लगाते हैं। इस फील्ड में इतना रोमांच है कि आप हर समय जोश और जज्बे से भरे रहते हैं। यहां कुछ भी ठहरा हुआ नहीं है। यहां रातों-रात फैशन के सारे समीकरण बदलते हैं। मौसम के हिसाब से कट और कलर तो बदलते ही हैं, लेकिन अब तो लगता है कि स्टाइल और मटेरियल आदि चलन में आने से पहले ही बदल जाते हैं, इसलिए इस काम की चुनौतियां भी अनूठी हैं। ऐसे में सबसे पहले यहां यह समझने की जरूरत है कि फैशन की भविष्यवाणी करने वाले और फैशन डिजाइन में क्या फर्क है?

दरअसल फैशन की भविष्यवाणी फैशन डिजाइन की अगली कड़ी है, जहां कोई भी कुशल डिजाइनर या फैशन विशेषज्ञ लोगों के मूड को समझते हुए उनकी रुचि, ट्रेंड, मौसम, रंगों के अनुसार आने वाले फैशन की भविष्यवाणी करता है। दुनियाभर में फैशन को समझने वाले और फैशन पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ, लोगों के बीच जाकर उनके मूड, उनकी रुचि के साथ लगातार शोध करते रहते हैं। फैशन फोरकास्टिंग में रेडी-टु-वेयर, स्ट्रीट वेयर, हॉट कुटूर और मास मार्केट जैसे फैशन इंडस्ट्री के विभिन्न पहलुओं से जुडे़ आगामी ट्रेंड्स की घोषण करनी होती है। वहीं ट्रेंड फोरकास्टिंग के तहत ऑटोमोबाइल, फूड एंड बेवरेज, लिटरेचर और होम फर्निशिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों के डिजाइन ट्रेंड्स की घोषणा करनी होती है।

फैशन फोरकास्टिंग की प्रक्रिया

·        डेटा कलेक्शन: फैशन फोरकास्टिंग के लिए सबसे पहले वर्तमान और पिछले फैशन ट्रेंड्स का डेटा कलेक्ट किया जाता है। यह डेटा फैशन शोज़, स्ट्रीट फैशन, सेल्स रिपोर्ट्स, और सोशल मीडिया से जुटाया जाता है।

·        एनालिसिस: कलेक्टेड डेटा का एनालिसिस किया जाता है ताकि वर्तमान और उभरते हुए ट्रेंड्स को पहचाना जा सके। यह एनालिसिस फैशन विशेषज्ञों, डेटा साइंटिस्ट्स, और सोशियोलॉजिस्ट्स के सहयोग से किया जाता है।

·        फ्यूचर ट्रेंड्स की पहचान: एनालिसिस के आधार पर, भविष्य के फैशन ट्रेंड्स की पहचान की जाती है। इसमें प्रमुख रंग, स्टाइल, मटेरियल, और थीम्स शामिल होते हैं।

·        रिपोर्ट और प्रजेंटेशन: अंत में, फोरकास्टिंग रिपोर्ट तैयार की जाती है और इसे डिजाइनर्स, रिटेलर्स, और अन्य फैशन प्रोफेशनल्स के साथ साझा किया जाता है।

शैक्षिक योग्यताः-

फैशन फोरकास्टिंग के ज्यादातर स्नातक कोर्स में प्रवेश लेने के लिए किसी भी विषय में 12वीं पास होना जरूरी है। वहीं पीजी कोर्स के लिए किसी भी विषय में स्नातक होना जरूरी है। भविष्य की संभावनाएं और करियर के अवसर को देखते हुए भारत सरकार के अधीन काम करने वाली अपैरल, मेडअप्स एंड होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल युवाओं को एक खास ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स करा रही है। इसमें इंडस्ट्री के विशेषज्ञ युवाओं को फैशन फोरकास्टिंग एनालिसिस से लेकर ट्रेंड फोरकास्टिंग के पहलुओं के बारे में बताते है। स्किल इंडिया मिशन के तहत इस सर्टिफिकेट कोर्स होने के कारण उद्योग जगत में विशेष तरजीह मिलती है।


तकनीकी ज्ञान भी जरूरी-

फैशन फोरकास्टिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए महज रचनात्मक होना ही काफी नहीं है। बल्कि इस क्षेत्र की तकनीक से वाकिफ होना भी बेहद जरूरी है। उदाहरण के तौर पर परिधानों की डिजाइनिंग के लिए फैब्रिक वीविंग तकनीक, फैब्रिक मिक्सिंग तकनीक, डाइंग तकनीक, स्टिचिंग तकनीक आदि का ज्ञान होना चाहिए। इसी तरह फुटवियर डिजाइनिंग, एक्सेसरी डिजाइनिंग और ज्वेलरी डिजाइनिंग आदि के लिए भी विभिन्न तकनीकों की जानकारी महत्वपूर्ण है।


स्टैंड-एलोन करियर-

फैशन फोरकास्टिंग अब फैशन क्षेत्र के दूसरे कारकों पर आश्रित नहीं रहा। यह अब स्टैंड एलोन करियर बन चुका है। डच ट्रेंड फोरकास्ट ली एडेलकूर्ट जैसे विशेषज्ञों ने फैशन फोरकास्टिंग को एक महत्वपूर्ण करियर फील्ड के रूप में स्थापित किया है। कई भारतीय फैशन फोरकास्ट भी इंटरनेशनल फैशन इंडस्ट्री में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। नेशनल-इंटरनेशनल बायर्स और ब्रैंड्स फैशन फोरकास्ट पर विशेष रूप से नजर रखते हैं। इस क्षेत्र में कमाई की भी असीम संभावनाएं हैं। आमतौर पर शुरुआती दौर में एक फैशन फोरकास्टर किसी कंपनी से जुड़कर 20 हजार रुपये से शुरू कर सकता है और फैशन की समझ, मौलिकता, रचनात्मकता और ट्रेंड पैदा करने की क्षमता रखने वाले व्यक्ति के लिए लाखों रुपये आमदनी हो सकती है।

क्या है भविष्य की संभावनाएं-

एक रिसर्च के अनुसार देश में वर्तमान फैशन खुदरा बाजार 2,97,091 करोड़ रुपये के लायक है, जो 2026 तक सीएजीआर 10 प्रतिशत की दर से बढ़कर 7,48,398 करोड़ रुपये हो जाएगा। भारतीय फैशन उद्योग भी अपनी कल्पनाशीलता और सृजनात्मकता से दुनिया के फैशन उद्योग में अपनी धाक जमा रहा है और कदम से कदम मिला रहा है। फैशन उद्योग पिछले तीस सालों से पूरी तरह से लाभप्रदता और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। फैशन से जुड़ी कंपनियां युवा डिजाइनरों को भर्ती करके और आधुनिक स्पर्श जोड़ने के लिए फैशन शो आयोजित करके अपने ब्रांड का प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में युवाओं के पास काम के बहुत सारे अवसर है।

वर्तमान समय में, फैशन इंडस्ट्री में सस्टेनेबिलिटी का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। ऑर्गेनिक और इको-फ्रेंडली मटेरियल का उपयोग, रीसायकल फैशन, और सस्टेनेबल प्रोडक्शन प्रोसेस भविष्य के प्रमुख ट्रेंड्स में शामिल हैं। इसके अलावा, डिजिटल फैशन और वर्चुअल फैशन शोज़ भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। लोग अब ऐसे कपड़े पसंद कर रहे हैं जो न केवल स्टाइलिश हों, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अच्छे हों। इसी तरह, मिनिमलिस्टिक डिजाइन और टाइमलेस फैशन भी प्रमुखता से उभर रहे हैं, जो फैशन को फास्ट फैशन से दूर ले जा रहे हैं और एक अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर ले जा रहे हैं।

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