Education-शिक्षाFaridabad - फरीदाबाद

भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ के चांसलर प्रियरंजन त्रिवेदी और नागालैंड के उच्च शिक्षा मंत्री तेमजेन इमला अलोंग ने प्रदान किया सम्मान 

फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे

विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू को भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ द्वारा “राष्ट्रीय कौशल-आधारित प्रशिक्षण एवं अनुसंधान पुरस्कार 2023” से नवाजा गया है। उन्हें यह पुरस्कार दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित परिसंघ के 20वें वार्षिक समारोह में नागालैंड के उच्च शिक्षा मंत्री तेमजेन इमला अलोंग और भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ के चांसलर प्रियरंजन त्रिवेदी ने प्रदान किया गया। डॉ. राज नेहरू ने इस पुरस्कार के लिए कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कैशल शिक्षा में नवाचार और अन्वेषणात्मक अभियान जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने अपनी पत्नी श्रीमती सुनैना नेहरू के साथ  यह पुरस्कार प्राप्त किया। 

परिसंघ के चांसलर प्रियरंजन त्रिवेदी ने कुलपति डॉ. राज नेहरू के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि कौशल शिक्षा के मॉडल के विकास में उनका योगदान अद्वितीय है। उनके नेतृत्व में कौशल शिक्षा को विविध आयाम प्राप्त करने में सफलता हासिल हुई है

नागालैंड के उच्च शिक्षा मंत्री तेमजेन इमला ने कुलपति डॉ. राज नेहरू के योगदान को बहुत महत्वपूर्ण बताया। 

इस अवसर पर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्ली के निदेशक डॉक्टर एम. श्रीनिवास, एमिटी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम के कुलपति डॉक्टर पी बी शर्मा, जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर अफसार आलम और इथियोपिया की कूटनीतिज्ञ सुश्री फेवियन उपस्थित थी।

गौरतलब है इससे पूर्व पिछले वर्ष डॉ. राज नेहरू को हरियाणा राज्य सरकार द्वारा प्रतिष्ठित सुशासन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। डॉ. राज नेहरू देश के पहले राज्य कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति हैं और उन्होंने देश में कौशल शिक्षा के लिए एक अनुकरणीय स्थान स्थापित किया है। उन्होंने कौशल शिक्षा के मानकों के लिए गठित विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की समितियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में भी योगदान दिया है। 

डॉ. राज नेहरू ने देश के पहले इनोवेटिव स्किल स्कूल की स्थापना में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है और कक्षा को उद्योग के साथ एकीकृत करके रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। उन्होंने न केवल देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति के रूप में अपनी भूमिका निभाई है, बल्कि देश के अन्य राज्य भी कौशल शिक्षा के इस मॉडल का अनुसरण कर रहे हैं।

डॉ. राज नेहरू को ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के माध्यम से अर्न वाइल लर्न मॉडल शुरू करने का भी श्रेय दिया जाता है, जो छात्रों को उनकी पढ़ाई के साथ-साथ कमाई के अवसर प्रदान करता है। कैशाल शिक्षा में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया। इस पुरस्कार के लिए कुलपति डॉ. राज नेहरू ने भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ के प्रति आभार ज्ञापित किया। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *