Education-शिक्षाFaridabad - फरीदाबाद

मानव रचना में दंत चिकित्सा विषय पर संगोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन हुआ

फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे

मानव रचना डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की ओर से विश्व विकलांगता दिवस पर सिल्वर डायमाइन फ्लोराइड (एसडीएफ) पर एक संगोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन हुआ। फेडरेशन ऑफ स्पेशल हेल्थ केयर डेंटिस्ट्री (एफएससीडी) के सहयोग से आयोजित हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य विशेष स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं वाले रोगियों की मौखिक देखभाल को पूरा करना रहा।

कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के तौर पर डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के कार्यकारी सदस्य, झारखंड राज्य डेंटल काउंसिल के अध्यक्ष और आईडीए झारखंड शाखा के राज्य सचिव डॉ. विवेक कुमार सिंह पहुंचे  थे। वहीं अन्य अतिथियों में एफएससीडी अध्यक्ष डॉ. श्रीनिवास नैमेनेनी, एफएससीडी सचिव डॉ. प्रिया वर्मा, एफएससीडी कोषाध्यक्ष डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल सुधा रस्तोगी डेंटल कॉलेज डॉ. सीएम मार्या शामिल रहे। एमआरडीसी प्रिंसिपल, प्रोफेसर और प्रमुख, ऑर्थोडॉन्टिक्स और डेंटो-फेशियल ऑर्थोपेडिक्स डॉ. पुनीत बत्रा ने सभी अतिथियों के साथ मिलकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

डॉ. पुनीत बत्रा ने सभी अतिथि और वक्ताओं का स्वागत करते हुए विशेष स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं वाले रोगियों की देखभाल में दंत विशेषज्ञों के महत्व पर विचार रखे। इसके बाद मुख्य अतिथि डॉ. विवेक सिंह ने अपने संबोधन में विशेष स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं वाले रोगियों की मौखिक स्वास्थ्य देखभाल के बारे में समाज में जागरूकता लाने के लिए ऐसे आयोजनों को जरूरी बताया। साथ ही विकलांग लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में चर्चा करते हुए संस्थान की इस पहल को सराहा।

संगोष्ठी में देश के 25 कॉलेजों से छात्र और फैकल्टी सदस्यों सहित दुबई, नेपाल, बांग्लादेश, कुवैत और अबु धाबी से ऑनलाइन और ऑफलाइन तकरीबन 400 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे डॉ. मीनाक्षी खेर और डॉ. मुकुल जैन ने अतिथि व्याख्यान में विशेष मौखिक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं वाले रोगियों के इलाज में एसडीएफ के महत्व पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सिल्वर डायमाइन फ्लोराइड एक ऐसी दवा है जिसका उपयोग दंत क्षय के इलाज और रोकथाम के लिए किया जाता है और ये दवा विशेष स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता वाले लोगों के लिए बेहद लाभकारी है।

इसके बाद विशेष स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकता वाले मरीजों और एसडीएफ विषय पर एक पैनल चर्चा हुई। जिसमें डॉ. श्रीनिवास नैमेनेनी, डॉ. मीनाक्षी खेर, डॉ. मुकुल जैन और डॉ. शिव कुमार नुव्वुला ने विचार रखे। इस दौरान आय़ोजित हुई कार्यक्रम शाला में दांतों पर एसडीएफ के अनुप्रयोग पर जानकारी दी गई। इस दौरान एमआरडीसी के बाल चिकित्सा और निवारक दंत चिकित्सा विभाग में स्थापित कॉन्शियस सेडेशन क्लिनिक का उद्घाटन भी किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *