वृक्षों को देवता मानता है सनातन धर्म – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
श्री सिद्धदाता आश्रम के जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधे रोपे और शिष्यों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। इनमें पिलखन जैसे छाया देने वाले वृक्ष एवं नींबू, संतरे जैसे फल देने वाले वृक्षों के पौधे शामिल किए गए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारी धरा के आभूषण तो हैं ही साथ में यह हमारे लिए जीवन दायक भी हैं। हमें प्राणवायु इनसे प्राप्त होती है। अनेक प्रकार के फल और रस इनसे प्राप्त होते हैं जिनसे औषधियों का भी निर्माण होता है। इनसे प्राप्त होने वाली लकड़ी हमारे अनेक काम आती है।
स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि वृक्ष हमारे जन्म से लेकर अंतिम यात्रा तक उपयोगी होते हैं ऐसे में इनकी संख्या में कमी आएगी तो संतुलन बिगड़ेगा। इसलिए हम सभी को अपने जीवन में कम से कम 10-10 पौधे अवश्य लगाने चाहिए और उनको बड़ा होने तक पालना चाहिए। स्वामीजी ने कहा कि वृक्षों की उपयोगिता को देखते हुए हमारे सनातन धर्म
में इन्हें देवता का स्थान दिया गया है। ऐसे अनेक पौधे एवं वृक्ष हैं जिनकी हम पूजा भी करते हैं और ऐसे अनेक वृक्ष हैं जिनको काटने के बारे में सोचना भी पाप माना गया है। कारण स्पष्ट है कि हमाने मनीषियों को इनका महत्व पता था और उन्होंने इनके संरक्षण के लिए अनेक धार्मिक नियम बनाए थे लेकिन आज का मानव भौतिकवाद में इतना रम गया है कि वह सबकुछ भूल कर केवल अपना हित साधने में लगा है जिसकी कीमत भी चुका रहा है। उन्होंने इस अवसर
पर बड़ी संख्या में मौजूद शिष्य एवं भक्तगण को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया।