गणितीय संगणना में आईसीटी की भूमिका पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीआरआईसीटीएमसी-23)
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
गणितीय संगणना में आईसीटी की भूमिका पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीआरआईसीटीएमसी-23) डीजीएचई द्वारा अनुमोदित अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ के कंप्यूटर विज्ञान विभाग द्वारा एक बहु- विषयक सम्मेलन आयोजित किया गया था। संरक्षक एवं प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता एवं सह-संरक्षक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता (विंग 3 प्रभारी) के मार्गदर्शन में फिजिकल एवं वर्चुअल भागीदारी को समायोजित करने के लिए हाइब्रिड मोड में 16 मई, 2023 को सम्मेलन का आयोजन किया गया। आईसीटी की धारणा को समझने के उद्देश्य से सम्मेलन ने गणितीय संगणना के क्षेत्र में क्रांति ला दी है, इसे पहले से कहीं अधिक तेज, अधिक सटीक और अधिक सुलभ बना दिया है, आज की दुनिया में, आईसीटी डेटा विश्लेषण और मॉडलिंग से गणितीय गणना के हर पहलू में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
संख्यात्मक सिमुलेशन और अनुकूलन के लिए। सम्मेलन में मुख्य भाषण, आमंत्रित वार्ता, पेपर प्रेजेंटेशन और ई-बुक कार्यवाही शामिल थी। उद्घाटन सत्र की स्टेज सचिव सुश्री पूनम शर्मा थीं और सत्र की शुरुआत मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता प्रो. राजेंद्र सिंह छिल्लर, एमडीयू रोहतक से हुई, जो कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयोग विभाग, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) के संस्थापक सदस्य हैं। (यूआईईटी), और यूनिवर्सिटी कंप्यूटर सेंटर (यूसीसी), एमडीयू, रोहतक।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता ने उनका स्वागत किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया और बताया कि कैसे आईसीटी शिक्षा प्रणाली का एक अभिन्न अंग बन गया। प्रो छिल्लर ने “समाज के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की भूमिका” पर जोर दिया। पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. रश्मी पोपली, जे.सी. बॉस यूएस एंड टी, वाईएमसीए फरीदाबाद और डॉ. इहतीराम रजा खान, जामिया हमदर्द ने की। विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने कम्प्यूटेशनल रिसर्च के उभरते आईसीटी टूल्स पर एक आमंत्रित व्याख्यान दिया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि कम्प्यूटेशनल शोध में उभरते हुए आईसीटी उपकरणों के उपयोग ने अनुसंधान के तरीके में क्रांति ला दी है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता ने उनका स्वागत किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया और बताया कि कैसे आईसीटी शिक्षा प्रणाली का एक अभिन्न अंग बन गया।
प्रो छिल्लर ने “समाज के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की भूमिका” पर जोर दिया। पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. रश्मी पोपली, जे.सी. बॉस यूएस एंड टी, वाईएमसीए फरीदाबाद और डॉ. इहतीराम रजा खान, जामिया हमदर्द ने की। विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने कम्प्यूटेशनल रिसर्च के उभरते आईसीटी टूल्स पर एक आमंत्रित व्याख्यान दिया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि कम्प्यूटेशनल शोध में उभरते हुए आईसीटी उपकरणों के उपयोग ने अनुसंधान के तरीके में क्रांति ला दी है।इन उपकरणों ने आवश्यक समय और लागत को कम करते हुए अनुसंधान की सटीकता और दक्षता में वृद्धि की है।
शोधकर्ताओं को प्रतिस्पर्धी बने रहने और उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान आउटपुट का उत्पादन करने के लिए इन उपकरणों को अपनाना आवश्यक है और दूसरी आमंत्रित वार्ता प्रोफेसर (डॉ.) पारुल गांधी, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज ऑन डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड आईसीटी अपॉर्च्युनिटीज द्वारा दी गई थी। . उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि डिजिटल परिवर्तन ने आईसीटी क्षेत्र के विकास और नवाचार के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डेटा एनालिटिक्स और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां व्यवसायों को दक्षता में सुधार करने, लागत कम करने और डिजिटल समाधानों के माध्यम से ग्राहक अनुभव बढ़ाने के नए अवसर प्रदान करती हैं।
पहला तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. (डॉ.) पारुल गांधी, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज व मंच सचिव सुश्री ज्योति गुप्ता ने की। तीसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. इहतिरम रजा खान, जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ने की और सुश्री रश्मी पोपली, असिस्टेंट प्रोफेसर, जे.सी. बॉस यूएस एंड टी, वाईएमसीए फरीदाबाद; और उसने एआई-पावर्ड एजाइल की ओर बढ़ने पर बात की। उसने निष्कर्ष निकाला कि फुर्तीली कार्यप्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के एकीकरण में सॉफ्टवेयर विकास प्रक्रियाओं को बदलने की क्षमता है। द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. (डॉ.) पारुल गांधी, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज व मंच सचिव सुश्री ज्योति गुप्ता ने की। तीसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. इहतिरम रजा खान, जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ने की और सुश्री रश्मी पोपली, असिस्टेंट प्रोफेसर, जे.सी. बॉस यूएस एंड टी, वाईएमसीए फरीदाबाद; और उसने एआई-पावर्ड एजाइल की ओर बढ़ने पर बात की। उसने निष्कर्ष निकाला कि फुर्तीली कार्यप्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के एकीकरण में सॉफ्टवेयर विकास प्रक्रियाओं को बदलने की क्षमता है।
द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. (डॉ.) पारुल गांधी, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज व मंच सचिव सुश्री ज्योति गुप्ता ने की। तीसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. इहतिरम रजा खान, जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ने की और सुश्री रश्मी पोपली, असिस्टेंट प्रोफेसर, जे.सी. बॉस यूएस एंड टी, वाईएमसीए फरीदाबाद; और उसने एआई-पावर्ड एजाइल की ओर बढ़ने पर बात की। उसने निष्कर्ष निकाला कि फुर्तीली कार्यप्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के एकीकरण में सॉफ्टवेयर विकास प्रक्रियाओं को बदलने की क्षमता है। द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. (डॉ.) पारुल गांधी, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज व मंच सचिव सुश्री ज्योति गुप्ता ने की।
तीसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. इहतिरम रजा खान, जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ने की और सुश्री रश्मी पोपली, असिस्टेंट प्रोफेसर, जे.सी. बॉस यूएस एंड टी, वाईएमसीए फरीदाबाद; और उसने एआई-पावर्ड एजाइल की ओर बढ़ने पर बात की। उसने निष्कर्ष निकाला कि फुर्तीली कार्यप्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के एकीकरण में सॉफ्टवेयर विकास प्रक्रियाओं को बदलने की क्षमता है। एआई-पावर्ड एजाइल तेजी से और बेहतर निर्णय लेने की सुविधा देता है, परियोजना प्रबंधन में सुधार करता है और समग्र विकास प्रक्रिया को बढ़ाता है। एजाइल में एआई को अपनाने से उच्च उत्पादकता, दक्षता और ग्राहकों की संतुष्टि हो सकती है और इस सत्र की मंच सचिव सुश्री निशा चौधरी थीं। चतुर्थ तकनीकी सत्र के अध्यक्ष डॉ. सचिन गर्ग अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ कम्प्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष व मंच सचिव सुश्री
शिल्पी गोयल रहीं। समापन समारोह में अध्यक्ष अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ के प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता व मुख्य अतिथि प्रो. एस.के. चकरवर्ती, पूर्व प्रमुख और डीन एकेडमिक्स, एनआईटी कुरुक्षेत्र और सम्मेलन का सारांश सुश्री मोहिनी वर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया था और धन्यवाद प्रस्ताव डॉ विनीत नागपाल द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस सम्मेलन में हमारे पास 10 विश्वविद्यालयों और 17 कॉलेजों के 125 प्रतिनिधि और 2 कॉर्पोरेट प्रतिभागी हैं और देश भर से 25 मौखिक प्रस्तुतियाँ हैं। इस सम्मेलन का आयोजन डॉ. सचिन गर्ग, आयोजन सचिव सुश्री मोहिनी वर्मा एवं डॉ. विनीत नागपाल एवं
कम्प्यूटर साइंस विभाग के समस्त स्टाफ सदस्यों के संयोजन में किया गया.
एआई-पावर्ड एजाइल तेजी से और बेहतर निर्णय लेने की सुविधा देता है, परियोजना प्रबंधन में सुधार करता है और समग्र विकास प्रक्रिया को बढ़ाता है।
एजाइल में एआई को अपनाने से उच्च उत्पादकता, दक्षता और ग्राहकों की संतुष्टि हो सकती है और इस सत्र की मंच सचिव सुश्री निशा चौधरी थीं। चतुर्थ तकनीकी सत्र के अध्यक्ष डॉ. सचिन गर्ग अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ कम्प्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष व मंच सचिव सुश्री शिल्पी गोयल रहीं।
समापन समारोह में अध्यक्ष अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ के प्राचार्य डा. कृष्णकांत गुप्ता व मुख्य अतिथि प्रो. एस.के. चकरवर्ती, पूर्व प्रमुख और डीन एकेडमिक्स, एनआईटी कुरुक्षेत्र और सम्मेलन का सारांश सुश्री मोहिनी वर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया था और धन्यवाद प्रस्ताव डॉ विनीत नागपाल द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
इस सम्मेलन में हमारे पास 10 विश्वविद्यालयों और 17 कॉलेजों के 100 प्रतिनिधि और 2 कॉर्पोरेट प्रतिभागी हैं और देश भर से 25 मौखिक प्रस्तुतियाँ हैं। इस सम्मेलन का आयोजन डॉ. सचिन गर्ग, आयोजन सचिव सुश्री मोहिनी वर्मा एवं डॉ. विनीत नागपाल एवं कम्प्यूटर साइंस विभाग के समस्त स्टाफ सदस्यों के संयोजन में किया गया ।
एआई-पावर्ड एजाइल तेजी से और बेहतर निर्णय लेने की सुविधा देता है, परियोजना प्रबंधन में सुधार करता है और समग्र विकास प्रक्रिया को बढ़ाता है। एजाइल में एआई को अपनाने से उच्च उत्पादकता, दक्षता और ग्राहकों की संतुष्टि हो सकती है और इस सत्र की मंच सचिव सुश्री निशा चौधरी थीं। चतुर्थ तकनीकी सत्र के अध्यक्ष डॉ. सचिन गर्ग अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ कम्प्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष व मंच सचिव सुश्री शिल्पी गोयल रहीं। समापन समारोह में अध्यक्ष अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ के प्राचार्य डा. कृष्णकांत गुप्ता व मुख्य अतिथि प्रो. एस.के. चकरवर्ती, पूर्व प्रमुख और डीन एकेडमिक्स, एनआईटी कुरुक्षेत्र और सम्मेलन का सारांश सुश्री मोहिनी वर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया था और धन्यवाद प्रस्ताव डॉ विनीत नागपाल द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस सम्मेलन में हमारे पास 10 विश्वविद्यालयों और 17 कॉलेजों के 100 प्रतिनिधि और 2 कॉर्पोरेट प्रतिभागी हैं और देश भर से 25 मौखिक प्रस्तुतियाँ हैं।
इस सम्मेलन का आयोजन डॉ. सचिन गर्ग, आयोजन सचिव सुश्री मोहिनी वर्मा एवं डॉ. विनीत नागपाल एवं कम्प्यूटर साइंस विभाग के समस्त स्टाफ सदस्यों के संयोजन में किया गया । एआई-पावर्ड एजाइल तेजी से और बेहतर निर्णय लेने की सुविधा देता है, परियोजना प्रबंधन में सुधार करता है और समग्र विकास प्रक्रिया को बढ़ाता है। एजाइल में एआई को अपनाने से उच्च उत्पादकता, दक्षता और ग्राहकों की संतुष्टि हो सकती है और इस सत्र की मंच सचिव सुश्री निशा चौधरी थीं।
चतुर्थ तकनीकी सत्र के अध्यक्ष डॉ. सचिन गर्ग अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ कम्प्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष व मंच सचिव सुश्री शिल्पी गोयल रहीं। समापन समारोह में अध्यक्ष अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ के प्राचार्य डा. कृष्णकांत गुप्ता व मुख्य अतिथि प्रो. एस.के. चकरवर्ती, पूर्व प्रमुख और डीन एकेडमिक्स, एनआईटी कुरुक्षेत्र और सम्मेलन का सारांश सुश्री मोहिनी वर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया था और धन्यवाद प्रस्ताव डॉ विनीत नागपाल द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस सम्मेलन में हमारे पास 10 विश्वविद्यालयों और 17 कॉलेजों के 100 प्रतिनिधि और 2 कॉर्पोरेट प्रतिभागी हैं और देश भर से 25 मौखिक प्रस्तुतियाँ हैं। इस सम्मेलन का आयोजन डॉ. सचिन गर्ग, आयोजन सचिव सुश्री मोहिनी वर्मा एवं डॉ. विनीत नागपाल एवं कम्प्यूटर साइंस विभाग के समस्त स्टाफ सदस्यों के संयोजन में किया गया।