भगवान के नाम रंग में भीगो, यह रंग आत्मा पर लगता है – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
श्री सिद्धदाता आश्रम में दूसरे दिन भी होली का माहौल रहा। होलिका दहन वाले दिन जहां भजन, सतसंग, प्रसाद एवं आशीर्वाद हुआ वहीं धूलैंडी वाले दिन भगवान श्री लक्ष्मीनारायण के साथ फूलों की होली खेली गई।
आश्रम के अधिपति जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने सविधि भगवान का पूजन किया और उनके साथ फूलों की होली खेली। इस अवसर पर भक्तों ने फाल्गुन के भजनों पर जमकर कदमताल की। वहीं स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि यह होली सांकेतिक है जो हमें आपस में मिल जुलकर रहने की शिक्षा देती है। यह पर्व बता रहा है कि हमसे वर्षभर में कोई जाने अनजाने भूल हो गई हो, तो उसे भूलकर हमें क्षमा प्रदान करें। लेकिन इसका आध्यात्मिक पहलू और बड़ा है जिसमें हम भगवान के नाम रंग में डूबते हैं और उनको अपना पिता मानते हुए दोहराते हैं कि हम आपके बताए हुए मार्ग पर ही चलेंगे।
गुरुजी ने बताया कि जिसके मन पर भगवान के नाम का रंग चढ़ गया, उसका इहलोक भी सफल है और परलोक भी सफल होगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवान के नाम की सुधा लेने वाली आत्मा को आवागमन छूट जाता है और वह भगवान के ही लोक में उनकी सेवा में रहती है। इसके बाद श्री गुरु महाराज ने भक्तों पर फूलों की बौछार कर आशीर्वाद दिया। गुलाल डाला और जीवन में उन्नति की ओर अग्रसर रहने की बात कही। वहीं भक्तों ने भी उन्हें गुलाल लगाकर आशीर्वाद और जीवन भर साथ निभाने का वचन मांगा।