भक्त की पुकार सुन दौड़े चले आए भगवान – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
सूरजकुंड रोड स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) में भगवान के नृसिंह अवतार की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर अधिपति अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने भगवान नृसिंह के दिव्य विग्रहों का अभिषेक कर लोककल्याण के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि भगवान अपने भक्त की आवाज पर दौड़े चले आते हैं। उन्होंने गज और ग्राह की लड़ाई में यह करके दिखाया, उन्होंने द्रौपदी के चीरहरण के समय यह करके दिखाया, उन्होंने नरसी का भात भरकर और सेन नाई के ग्राहकों के बाल काटकर भी दिखाया और आज हम जिनकी जयंती मना रहे हैं। उस रूप में तो वह अवतार लेकर ही आ गए। गुरू महाराज ने कहा कि भगवान अपने भक्त प्रहलाद के जीवन की रक्षा करते रहे लेकिन जब उसकी भक्ति पर चुनौती आ गई तो उसके लिए नृसिंह बनकर आ गए। खम्बे में से भी प्रकट हो गए। अपनी प्रकृति को ही बदल दिया। यह सब भक्त के विश्वास को बनाए रखने के लिए किया।
स्वामीजी ने कहा कि नृसिंह भगवान ने अपने भक्त की रक्षा की, दैत्य का अंत किया और प्राणियों में अभय की स्थापना की। इसलिए भगवान का चिंतन, उनका स्मरण, उनके नाम का जप आदि सभी प्रभावशाली उपाय हैं। स्वयं को भगवान का मानकर उनका किसी भी विधि से मनन करने से भक्त के जीवन के कष्टों का अंत होता है और वह परमधाम को प्राप्त होता है। भगवान का पूजन अर्चन करने वाले के जीवन से शोक संताप और डर समाप्त हो जाता है। भगवान इस अवतार में व्यक्ति को शक्तिशाली होने का भी संदेश देते हैं। वहीं धर्म मार्ग पर चलने का संबल भी प्रदान करते हैं। इस अवसर पर भगवान नृसिंह का षोडश उपचार विधि से अभिषेक किया गया और उनकी शोभायात्रा भी निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भागीदारी की और प्रसाद प्राप्त किया।
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