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गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन से सीख लेने की आवश्यकता

फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / शिक्षा विभाग के आदेशानुसार गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में जूनियर रेडक्रॉस, स्काउट, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने  विद्यार्थियों को गुरु गोबिंद सिंह जी के साहस और बलिदान के विषय में अवगत करवाया। जे आर सी एवम एस जे ए बी अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर संपूर्ण देश में सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के अनुकरणीय साहस की कहानी से देश और दुनिया अवगत कराने के लिए वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बच्चों ने देश के सम्मान की रक्षा, धर्म की रक्षा एवम आस्था की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। यह उनकी कहानियों को स्मरण करने का दिन है। यह जानने का भी दिन है कि कैसे उनकी निर्मम हत्या की गई। विशेषकर जोरावर और फतेह सिंह की। सरसा नदी के तट पर एक लड़ाई में दोनों साहिबजादे को मुगल सेना ने बंदी बना लिया था। इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं करने पर उन्हें क्रमशः 8 और 5 साल की आयु में कथित तौर पर दीवार में जीवित अवस्था में चिनवा दिया गया था। विशेष रूप से छोटे बच्चों को सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के अनुकरणीय साहस की कहानी के बारे में बताने के लिए पूरे देश में संवादात्मक और सहभागी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिन्होंने अपनी आस्था की रक्षा के लिये प्राण न्योछावर कर दिए थे। आज देश भर के विद्यालयों में निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

आज सराय ख्वाजा विद्यालय में गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के साहस को श्रद्धांजलि देने के लिए वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता करवाई गई। प्राध्यापिका गीता और सरिता डुडेजा का विशेष सहयोग रहा। प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि संपूर्ण विश्व में वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है। इस से पूर्व विद्यालय में प्राचार्य रविंद्र मनचंदा, गीता, सरिता, सुशीला और अन्य अध्यापकों ने विद्यार्थियों की पेंटिंग प्रतियोगिता में रिया, अनामिका और सोनी को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय रहने पर सम्मानित किया।



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