ऐसे घर में विवाह नहीं करना चाहिए, जहा वह दुखी हो – श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
फरीदाबाद , जनतंत्र टुडे / नई दिल्लीः पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कथा में बताया कि बेटी का कभी भी ऐसे घर में विवाह नहीं करना चाहिए, जहाँ वह दुखी हो। एक पिता, जो कन्या दान करता है, उसकी जिम्मेदारी है कि उसकी बेटी का जीवन सुखी और सम्मानपूर्ण हो। यदि किसी कारणवश बेटी उस घर में दुखी होती है, तो कन्या दान करने वाले को पुण्य की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि उसे नरक का अनुभव होता है।
पूज्य महाराज श्री ने बताया सभी सनातनियों को अपने बच्चों का विवाह 20 से 25 साल तक की आयु में कर देना चाहिए। सभी सनातनियों से आग्रह है कि 20 से 25 साल तक की आयु में विवाह कर लेना चाहिए, इससे हमारे परिवार सुरक्षित रहते हैं और हमारा चरित्र भी सुरक्षित रहता है।
पूज्य महाराज श्री ने बताया कि सभी भक्तों से कहा प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ में भारी संख्या में पहुंचे और वहां कल्पवास करें। यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एक दिव्य अनुभव होगा, जो न केवल आपके जीवन को शांति और समृद्धि से भर देगा, बल्कि आपके परिवार को भी आध्यात्मिक आशीर्वाद प्रदान करेगा।