बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार से गुस्साए हिंदुस्तानी सड़कों पर उतरे,जिला उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा
फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / बांग्लादेश में चार महीने से निरंतर हिंदुओं के नरसंहार के विरोध में भारत के सनातनी मंगलवार को सड़कों पर उतर आए। धर्म की रक्षा-हिंदू नागरिकों की सुरक्षा हेतु कट्टरपंथियों को ललकारने के लिए हिंदुओं के गुस्से भरे सैलाब ने एकजुटता का स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर आक्रोश व्यक्त करते हुए विपक्ष के नेताओं, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और संयुक्त राष्ट्र संघ की चुप्पी पर खूब खरी खोटी सुनाकर कड़ी भर्त्सना की। अपने रोष प्रकट के दौरान प्रदर्शन में शामिल विभिन्न हिंदूवादी संगठन, सामाजिक-धार्मिक संगठन एवं आरडब्लूए के प्रतिनिधियों ने जमकर नारेबाजी की। ‘सनातन दहाड़ से कलपुर्जों की नगरी ‘गूंज’ उठी। उसके उपरांत लघु सचिवालय पहुंचे प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति के नाम जिला उपायुक्त विक्रम सिंह के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। सेक्टर 12 सेंट्रल पार्क में धरना स्थल का मन संचालन सीमा भारद्वाज ने किया।
राष्ट्र रक्षा मंच की अपील पर हिंदूवादी संगठनों के हजारों की संख्या में प्रतिनिधियों एवं सनातनियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर निरंतर बढ़ते अत्याचार के विरुद्ध मंगलवार को रोष व्यक्त किया। विरोध प्रदर्शन निकाल कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें राष्ट्र रक्षा मंच के संयोजक बी आर भाटिया के नेतृत्व में शहर के विभिन्न हिंदूवादी संगठन, सामाजिक-धार्मिक संगठन एवं आरडब्लूए के हजारों प्रतिनिधि शामिल हुए। बीके चौक, बल्लभगढ़ एवं ग्रेटर फरीदाबाद की सोसाइटी से तीन अलग-अलग स्थानों से लोग अपने-अपने वाहनों पर सवार होकर रैली निकालते हुए बैनर-पोस्टर, होर्डिंग के साथ नारेबाजी करते हुए सेक्टर-12 सेंट्रल पार्क में एकत्रित हुए। प्रदर्शन में शामिल सभी ने अपने हाथों में ‘हिंदू नरसंहार बंद करो-बंद करो’ ‘बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार, नहीं सहेंगे-नहीं सहेंगे’ ‘सेव हिंदू’ ‘एकजुट सनातनी’ जैसे स्लोगन लिखे बैनर, पोस्टर और भगवा ध्वज लेकर धरना स्थल पर नारेबाजी की। उसके उपरांत एक शिष्टमंडल ने लघु सचिवालय पहुंचकर जिला उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्र रक्षा मंच के संयोजक बी.आर.भाटिया ने कहा कि आज मानवाधिकार दिवस है लेकिन पड़ौसी देश बांग्लादेश में हिंदुओ पर विगत चार महीने से अत्याचार, हत्या, निरंतर नरसंहार, महिलाओं का यौन शोषण हो रहा है लेकिन मानवाधिकार आयोग और संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले में पूरी तरह मौन धारण किए है। अभी भी समय है कट्टरपंथी सोच को कुचलने के लिए ठोस कार्रवाई करें अन्यथा परिणाम बहुत ही भिन्न होंगे। सनातनियों का आक्रोश दुनिया झेल नहीं पाएगी। बांग्लादेश में 5 अगस्त से हिंदुओं पर निरंतर अत्याचार और नरसंहार चल रहा है जो किसी भी कीमत में स्वीकार्य नहीं है। अल्पसंख्यक हिंदुओं के पूजा स्थलों एवं हिंदू धर्मालंबियों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
राष्ट्र रक्षा मंच संयोजक बी.आर.भाटिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि आरक्षण के नाम पर शुरू हुआ आंदोलन कट्टरपंथियों के हाथ में चला गया और धर्म के नाम पर दंगे भड़काए गए। वहां का अल्पसंख्यक समुदाय आज असुरक्षित व भय के माहौल में रह रहा है। दंगों में विशेष कर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इससे उनके धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार खतरे में है। वहां अल्पसंख्यकों की सरेआम हत्या की जा रही है। जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। महिलाओं के साथ दुराचार किया जा रहा है। अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों को नष्ट किया जा रहा है। हिंदुओं की संपत्तियों पर कब्जे किए जा रहे हैं। इन घटनाओं पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी चुप है, जिसमें हिंदू समाज में गहरा रोष है।
मुनि राज महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि बांग्लादेश की स्थिति बहुत विचलित करने वाली है। शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने पर इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्णदास को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा की उनकी मांग है कि भारत सरकार इस मामले को प्राथमिकता वह कूटनीति के आधार पर हिंदू सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। सेवानिवृत कर्नल गोपाल सिंह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, मानव अधिकार आयोग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और बांग्लादेश पर अंतरराष्ट्रीय दबाव डालें। भारत में आने वाले सभी अल्पसंख्यक हिंदू शरणार्थियों को संरक्षण और पुनर्वास प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए।
सिख समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले एस एस बांगा ने कहा कि इतिहास साक्षी है कट्टरपंथी सोच विध्वंस वाली है यह किसी का भला नहीं सोच सकती। बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार कानून का शक्ति से पालन करवाया जाए। इस्कॉन मंदिर के संत चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा किया जाए। शहर के विभिन्न हिंदूवादी संगठन, सामाजिक-धार्मिक संगठन एवं आरडब्लूए प्रतिनिधियों ने कड़ी भर्त्सना की। जिसमें राष्ट्र रक्षा मंच के बैनर तले शामिल होने वाले संगठनों में हजारों की संख्या में प्रतिनिधि शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन में राष्ट्र रक्षा मंच संयोजक बी.आर.भाटिया, स्वामी मुनी राज महाराज, महामंडलेश्वर भैया जी, आर्य समाज से गजराज नागर, सेवानिवृत कर्नल गोपाल सिंह, एस.एस.बांगा, अजय काक, ओ.पी.धामा, के अतिरिक्त काफी संख्या में मातृशक्ति और बच्चों सहित अन्य नागरिक गण उपस्थित रहे।