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 17 नवंबर से चल रहे सवालाख गायत्री महायज्ञ, चतुर्वेद शतकम् पारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति एवम् भव्य समापन समारोह 24 नवम्बर को

फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / ओ३म् योग संस्थान ट्रस्ट पाली, फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत के 26वें वार्षिकोत्सव  एवम् महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वीं जयंती के उपलक्ष में दिनांक 17 नवंबर से सवालाख गायत्री महायज्ञ, चतुर्वेद शतकम् पारायण महायज्ञ चल रहा है, जिसकी पूर्णाहुति एवम् भव्य समापन समारोह 24 नवम्बर को होगा।

   21 नवम्बर को गायत्री महायज्ञ, चतुर्वेद शतकम महायज्ञ व सवा लाख गायत्री महायज्ञ श्रद्धेय गुरूजी योगीराज ओ३मप्रकाश महाराज जी (संस्थापक एवम अध्यक्ष ओ३म् योग संस्थान ट्रस्ट पाली, फ़रीदाबाद) के पावन सानिध्य में दोपहर 2:30 बजे प्रारम्भ हुआ। प्रतिदिन की भांति श्रद्धेय योगीराज ओमप्रकाश महाराज जी एवम् वैद्य मलय जी ने वेद के मंत्रों का पाठ किया। योगीराज जी ने वेद मंत्र का सारगर्भित व्याख्यान दिया। 

वैद्य मलय ने अपने व्याख्यान में कहा कि हम तीन पदार्थों को जानकर अपने जीवन के मुख्य लक्ष्य आनन्द मोक्ष कैवल्य अपवर्ग को प्राप्त कर सकते है। एक चेेतन परमात्मा, दूसरा चेेतन आत्मा और तीसरा जड़ प्रकृति अर्थात सत्व, रज और तम गुणों वाले अति सूक्ष्मतम परमाणुओं से बना प्राणीदेह आदि समस्त भौतिक जगत। स्वामी शांतानन्द जी ने कहा कि ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण बहुत आवश्यक है जिससे जीवन में सकारात्मकता आती हैं। श्री एम एल मेहता (कनाडा) ने कहा कि हम सभी भाग्यशाली है कि श्रद्धेय गुरूजी के सानिध्य में यज्ञ में आहूति देना का सुअवसर प्राप्त हुआ। 

सुनील आर्य ने अपने व्याख्यान में कहा कि वातावरण को प्रदूषण रहित करने के लिए इस प्रकार के यज्ञों का आयोजन करना चाहिए। आर्य समाज, ओ३म् योग संस्थान पाली में जिस प्रकार प्रतिदिन हवन भी होता है, और साधना भी इसलिए हम सबको भी यज्ञ और साधना करनी चाहिए जिससे चित्त निर्मल होता है, शान्ति और विशेष दिव्य आनन्द की प्राप्ति होती है।

यज्ञोपरान्त विश्व के कल्याण की भावना, प्राणी मात्र के कल्याण की भावना निहित रखते हुए यज्ञ प्रार्थना की गई। गुरूजी योगिराज ओमप्रकाश महाराज जी ने बताया की यह अनुष्ठान हमारे जीवन को उत्तम बनाने का अवसर है, जीवन सदा सुख से भरा नही रहता, इसमें दुख भी आते हैं, परन्तु यदि हम उस ईश्वर के समर्पण में रहते हुए जीना सीख लेंगे तो हमको सुख और दुख दोनो में संतुलन बनाना आ जायेगा, ध्यान एवं योग यही सिखाता है। 

आज हवन में वैद्य मलय याज्ञिक, डा राशि, योगाचार्य संदीप आर्य, प्राचार्या डॉ अंजू, स्वामी शांतानन्द जी, देव मुनि जी, ओम मुनि जी, सुनील आर्य, मीनाक्षी, स्वामी ऋषिपाल, मंजू  सांगवान, हिमानी सांगवान, जगदीश भड़ाना, चरण सिंह भड़ाना, नवरत्न सांगवान, देवेश, चिराग, नरेन्द्र सिंह, मन्जु यादव , नर्मदा, कुसुम, कमलेश, संतरा आदि यजमान बने। आज हवन में बहुत सारे बच्चों ने भी आहुतियाँ दी, हवन के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। 

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