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उद्योगपति एस एस बांगा ने जन्मदिन के मौके पर निकाली ‘पेड़ो की बारात ‘- बटरफ्लाई : स्लम ब्रिज शिक्षा की शुरुआत 

फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में पर्यावरण के प्रति अनोखे प्रयासों से जागरूकता फैलाने वाले ट्री मैन के नाम से प्रसिद्ध विक्टोरा इंडस्ट्रीज के सीएमडी एस एस बांगा ने अपने  जन्मदिन पर एक अनोखा प्रयोग किया। पौधारोपण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अपने फैक्ट्रियों में कर्मचारियों के साथ पौधों की बारात निकाली। एस एस बांगा ने बताया कि इसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना और पौधारोपण के लिए उत्साह बनाए रखना है। पौधारोपण को औपचारिकता न बनने देते हुए, उन्होंने इसे एक उत्सव के रूप में मनाया, जिसमें कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों ने पौधारोपण किया।

 सभी यूनिट में उत्सव का माहौल


सेक्टर 25  व 58  स्थित विक्टोरा इंडस्ट्रीज के कर्मचारी, शाम को ड्यूटी से छूटने के बाद, अपने मैनेजिंग डायरेक्टर ट्री-मैन एस एस बांगा के जन्मदिन को ख़ास बनाने के लिए  ढोल की धुन पर नाचते-झूमते पौधा लगाने के लिए कंपनी के साथ खाली पार्क में चल पड़े. कंपनी के कर्मचारी ने मिल कर खाली पड़े गंदे स्थान की साफ-सफाई, रंगोली और गुब्बारों से सजावट की थी। एस एस बांगा और आसपास के लोगो  ने साथ मिलकर पार्क के प्रांगण में पीपल, बड़गद, नीम, आंवला, और अमरुद के पेड़ लगाए। कंपनी के कर्मचारियों ने पार्क में   बेलपत्र, जामुन, पीपल, बड़गद, नीम, आंवला, अशोक आदि के 200 पौधे लगाए। विक्टोरा इंडस्ट्रीज के सभी यूनिट में पौधों की बारात के साथ पौधारोपण किया गया। ग्रेटर नोएडा स्थित रेडिशन ब्लू होटल, रणथम्बोर स्थित होटल जूना महल,  फरीदाबाद सेक्टर 58, सेक्टर 25, पुणे, और गुजरात स्थित विक्टोरा इंडस्ट्रीज के सभी यूनिट में पौधों की बारात निकाली गई, जिसमें सभी लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ फैक्ट्री के छत, पार्किंग और आसपास के खाली स्थानों में पौधारोपण किया। सभी ने पौधों को संरक्षित करने का संकल्प लिया। इस अनोखी पहल और पेड़ों की बारात निकालने के प्रयास की सामाजिक संगठनों ने भी सराहना की।

 जन्मदिन के मौके पर नयी पहल – बटरफ्लाई : स्लम ब्रिज शिक्षा की शुरआत


उद्योगपति एस एस बांगा ने अपने जन्मदिन के मौके पर विक्टोरा लाइफ फाउंडेशन और लक्ष्यम एनजीओ के साथ मिल कर फरीदाबाद नीलम फ्लाईओवर के नीचे स्लम बस्तियों में जहां बच्चे शिक्षा से वंचित हैं, शिक्षा को लेकर जागरूक नहीं  है, आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं  है जिसकी वजह से अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाते हैं। इन बच्चों तक शिक्षा का उजियारा पहुंचाने के लिए बच्चों को ढूंढकर उनके अभिभावकों से अनुमति लेकर उन्हें पढ़ाने का प्रयास किया जाएगा साथ ही उनके परिवार को समाज के मुख्य धारा से जोड़कर उचित प्रबंध करने का प्रयास किया जाएगा. इन बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें नैतिक मूल्यों व देश की संस्कृति को लेकर भी जागरूक किया जाएगा.  बांगा जी बताया  की बटरफ्लाई के नाम से प्रोजेक्ट की शुरुआत की गयी है और आज इसी कड़ी में 50 बच्चो  को चिन्हित कर बच्चे और उनके परिवार को कॉउंसलिंग की गयी और उन्हें कंबल, पानी बोतल आदि दिया गया.

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