‘स्मार्ट मीटरिंग और एटीएंडसी लॉस रिडक्शन’ पर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित जा रहा है, प्रशिक्षण के जरिए डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा एनपीटीआई
फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / ‘स्मार्ट मीटरिंग और एटी एंड सी लॉस रिडक्शन’ को कम करके डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) दो दिवसीय कार्यक्रम भारत सरकार विद्युत मंत्रालय के राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) कॉरपोरेट कार्यालय सेक्टर-33 में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत जूनियर मैनेजमेंट प्रोग्राम के लिए आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी ( LBSNAA ) की सहायक निदेशक आईआईएस सुश्री अंकिता ढांडा और एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर ने दीप प्रज्वलित कर के किया। इस अवसर पर एनपीटीआई की प्रधान निदेशक डॉ. मंजू मैम, पीएफसी के डीजीएम (एचआर) संजेश कुमार, एनपीटीआई फरीदाबाद के निदेशक (आरडीएसएस) एनआर हलदर और एनपीटीआई के निदेशक एवं कार्यक्रम समन्वयक उपस्थिति रहे। इस अवसर पर स्मार्ट मीटरिंग और एटी एंड सी लॉस रिडक्शन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम की पुस्तिका का भी विमोचन भी किया गया। जो कि पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
5 सूचीबद्ध संस्थानों के सहयोग से इस विशेष कार्यक्रम में 39 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, प्रत्येक संस्थान से 8 प्रतिभागी शामिल हुए हैं, साथ ही एनपीटीआई संस्थानों के 200 से अधिक नामित प्रशिक्षक भी पूरे देश से ऑनलाइन मोड में शामिल हुए हैं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभागियों को स्मार्ट मीटरिंग और एटी एंड सी लॉस रिडक्शन पर डिस्कॉम के जूनियर प्रबंधन-स्तर के कर्मचारियों को और अधिक प्रशिक्षित करने के लिए तैयार करना है और साथ ही उपभोक्ता परिसरों में स्मार्ट मीटर की स्थापना और कमीशनिंग करने वाले फील्ड ऑफिसर और कर्मचारियों के लिए भी मददगार होना है।
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए आरडीएसएस का उद्देश्य एटी एंड सी के घाटे को काफी कम करके डिस्कॉम की वित्तीय सेहत और परिचालन क्षमता को मजबूत करना है। पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) के सहयोग से टीओटी कार्यक्रम का ये दूसरा चरण जूनियर प्रबंधन पर केंद्रित है।
‘स्मार्ट मीटरिंग और एटी एंड सी लॉस रिडक्शन’ के दो दिवसीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में अलग अलग बिंदुओं पर सत्र होंगे।