विचारों और भावनाओं की अभिव्यक्ति है कला , जो नृत्य, संगीत, चित्रकला, साहित्य या रंगमंच जैसे कई रूप ले सकती है
फरीदाबाद, जनतंत्र टुडे / मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर 21C में 9 अक्टूबर को ‘सह अस्तित्व’ एवं विश्व में सामंजस्यपूर्ण वातावरण स्थापित करने के महत्त्व को दर्शाती, एक अंतर्विद्यालयी प्रतियोगिता, ‘अभिव्यक्ति’ का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में फरीदाबाद, गुरुग्राम, दिल्ली एवं आसपास के 26 विद्यालयों के लगभग 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कक्षा के.1 से लेकर कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों ने आज के समय की आवश्यकता ‘सह-अस्तित्व’ के प्रति अपने मन के भावों को भाषा, नृत्य, गायन, वादन, चित्रकला और शिल्पकला के माध्यम से अभिव्यक्त किया।
प्रतियोगिता की विभिन्न श्रेणियों और 30 उपश्रेणियों में प्रतिभागियों ने संस्कृत, हिंदी, अंग्रेज़ी, फ्रेंच एवं स्पेनिश भाषाओँ तथा भिन्न –भिन्न वाद्य यंत्रों, गीत, ग़ज़ल, सूफ़ी, अर्ध शास्त्रीय व पाश्चात्य नृत्य-संगीत, थियेटर [एकल],माइम और भारतीय शास्त्रीय नृत्य की सुंदर प्रस्तुति द्वारा न केवल सभी को मंत्रमुग्ध किया अपितु प्रतियोगिता की थीम ‘सह-अस्तित्व’ की सार्थकता का परिचय भी दिया। प्रतिभागियों ने चित्रकला और शिल्पकला के माध्यम से सुंदर रंगों और अपनी अनुपम कलाकृतियों से विद्यालय के प्रांगण को लगभग एक ‘लघु विश्व’ में परिवर्तित कर दिया। विद्यार्थियों ने अपनी अनुपम प्रस्तुतियों के माध्यम से विश्व में शांति, प्रेम, सद्भाव, सौहार्द और भाईचारे की आवश्यकता पर बल दिया। सुप्रसिद्ध बांसुरीवादक पंडित चेतन जोशी जी ने प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगा दिए।
उन्होंने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मानव रचना 21 C के इस सुंदर आयोजन के लिए स्कूल की प्रधानाचार्या जी को बधाई दी और कहा कि इससे ललित कलाओं का प्रचार-प्रसार होगा। इनसे छात्र इन कलाओं को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने प्रतियोगिता की थीम ‘सह-अस्तित्व’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के समय में देश के भावी कर्णधारों को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व जैसे विषय पर जागरूक करना बहुत ही सराहनीय है। प्रतियोगिता के विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध कत्थक नर्तक पंडित बिरजू महाराज के सुपुत्र पंडित दीपक महाराज जी ने कला के माध्यम से शांति का संदेश प्रसारित करने के लिए विद्यालय के प्रयास की प्रशंसा करते हुए अपनी उपस्थिति से हमें कृतार्थ किया।
मानव रचना शिक्षण संस्थान के उपाध्यक्ष श्री अमित भल्ला ने इस अवसर पर सभी को संबोधित करते हुए कहा कि शांति, सद्भाव और भाईचारा आज के समय की आवश्यकता है। खुद को सदा शांत रखने वाला व्यक्ति न अपने जीवन में ढेरों सुख पाने के योग्य हो जाता है बल्कि वह अपने आसपास के लोगों और वातावरण को भी शांतिपूर्ण बनाए रखता है। मानव रचना विद्यालयों की निर्देशिका श्रीमती संयोगिता शर्मा जी ने अपनी स्मित मुस्कान के साथ सभी प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें अपना आशीर्वाद एवं शुभकामनाएँ दीं।
भाषाविज्ञ एवं आदरणीय तथा अपनी- अपनी कलाओं में पारंगत हमारे निर्णायक मंडल- श्री हरिओम शास्त्री जी, डॉ. मीना, सुश्री अर्चना, सुश्री एकता, सुश्री सुरभि, सुश्री मीता रामपाल, श्री संजय सिंह राणा, श्री गौरव कुमार, श्री अर्पण सिंह, श्री मुकेश गंगनानी, और श्री नदीम खान, ने छात्रों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और अपनी कला एवं कौशल के द्वारा जन कल्याण करने के लिए प्रोत्साहित किया। मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर 21C की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा अनीस मैम ने निर्णायकों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए उनके भाषा कौशल, उनकी सोच तथा उनके प्रस्तुतीकरण की प्रशंसा करते हुए उन्हें विश्व के नन्हें शांतिदूत कहा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से प्रेम, दया एवं सहिष्णुता के गुणों को अपनाने की अपील की।