हिंदी दिवस प्रतियोगिताएं – जिला स्तरीय कविता, भाषण और चित्र देख कर लेखन में सराय के दस विद्यार्थी पुरस्कृत
फरीदाबाद जनतंत्र टुडे / हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के तहत – जिला स्तरीय कविता, भाषण और चित्र देख कर लेखन में सराय के काजल, अमृता, मंदीश, साक्षी और राहुल जिले में प्रथम। जिला स्तर पर दस विद्यार्थी पुरस्कृत।
गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद के विद्यार्थियों ने जिला प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान पाली फरीदाबाद द्वारा आयोजित जिला स्तर की हिंदी दिवस प्रतियोगिता में भाषण, स्वरचित कविता, नारा लेखन, भाषण और व्याकरण प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि इस से पूर्व शिक्षा विभाग के आदेशानुसार जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड द्वारा विद्यालय स्तर पर भाषण, नारा लेखन, व्याकरण, दृश्य घटना, चित्र देख कर कहानी लिखना और स्वरचित कविता प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
इन प्रतियोगिताओं में सौ से भी अधिक छात्र छात्राओं ने प्रतिभागिता की तथा प्राध्यापिका दुर्गेश, बबीता, सीमा, सुनीता, विजयपाल, दिलबाग सिंह, धर्मपाल, जितेंद्र गोगिया सहित अन्य अध्यापकों की प्रमुख भूमिका रही। चित्र देख कर लिखना में अमृता और साक्षी प्रथम, आधी कविता पूर्ण करना में राहुल कुमार प्रथम, भाषण में मंदिश मिश्रा प्रथम, कविता गायन में काजल कुमारी जिले में प्रथम रहे। एकलव्य तृतीय, निधि तथा जूनियर वर्ग में व्याकरण में मीनाक्षी, चित्र देख कर कहानी लेखन में दिशा द्वितीय, दृश्य घटना में अनन्या द्वितीय, साडिया तृतीय रही। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने सभी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए सभी अध्यापकों का अच्छी तैयारी के लिए अभिनंदन भी किया।
इन्होंने सभी अध्यापकों से कहा कि आप के परिश्रम के बिना इन इतनी अधिक संख्या में विद्यार्थियों का जिला स्तर की प्रतियोगिता में सफल हो कर आना सरल नहीं था, उन्होंने सभी अध्यापकों का पुनः आभार और धन्यवाद प्रकट किया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने कहा कि अब हिंदी ग्लोबल हो चुकी है तथा हिंदी की लोकप्रियता विदेशों में निरंतर बढ़ रही है वहां के विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों में हिंदी को प्राथमिकता से पढ़ाया जा रहा है तथा नए नए आजीविका के स्त्रोतों का हिंदी के पठन पाठन से सृजन हो रहा है। व्यवसायिक दृष्टि से भी हिंदी का भविष्य बहुत ही उज्जवल है। हम सब को भी अपनी गौरवशाली हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिए गंभीर होने की आवश्यकता है।