जीवा पब्लिक स्कूल में एनईपी 2020 पर शिक्षा महाकुंभ का आयोजन
फरीदाबाद जनतंत्र टुडे/ “जीवा लर्निंग सिस्टम,नई शिक्षा पालिसी के क्रियान्वयन हेतु एक आर्दश प्लान है जो देशभर के शिक्षा
संस्थानों में इसे लागू करने हेतू महत्वपूर्ण रोल मॉडल सिद्ध होगा।” … ऋषिपाल चौहान
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सैक्टर 21 बी स्थित जीवा पब्लिक स्कूल में एन.ई.पी. 2020 के अनुरूप
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली में
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के गुणात्मक सुधारों के साथ समग्र परिवर्तन की कल्पना की गई। इससे पूर्व
एन०आई०ओ०एस और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त के तत्वावधान में 10 अगस्त से 25 अगस्त
तक 15 दिवसीय वेबिनार श्रृंखला शुरू की गई, इस वेबिनार श्रृंखला के दौरान एन.सी.ई.आर.टी,
सी.बी.एस.ई, ए.आई.सी.टी.ई के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों और विभिन्न स्कूलों के
प्रिंसिपल्स द्वारा 26 सत्रों में एनसीएफ-एस ई के अध्यायों पर सार्थक चर्चा की गई। इस वेबिनार श्रृंखला का
समापन जीवा स्कूल के प्रांगण में किया गया। जिसकी अगुवाई जीवा स्कूल के अध्यक्ष ऋषिपाल चौहान
जी ने की।
समापन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती प्रिया कुमार (आई आई एस डी जी) दूरदर्शन भी वहां उपस्थित
रहीं। इस अवसर राष्ट्रीय शिक्षा एवं संस्कृति सचिव श्री अतुल कोठारी और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान की
अध्यक्षा श्रीमती सरोज शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता रहे राष्ट्रीय
संयोजक श्री देशराज शर्मा, जीवा ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. सत्य नारायण दास बाबा जी, महर्षि बाल्मीकि कॉलेज
ऑफ एजुकेशन की प्राध्यापिका श्रीमती नीलम बाली जी भी उपस्थित रहीं। संगोष्ठी में देश भर के प्रसिद्ध
स्कूल और संस्थान के लगभग 400 शिक्षाविदों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों और विद्यालय प्रबंधन सदस्यों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करने
के साथ हुआ।
इस सेमिनार का उद्देश्य एन०इ०पी० पर परिचर्चा करना एवं इसको राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के रूप किस प्रकार
अपनाया जाए इस पर विचार करना रहा। इस दौरान यह भी बताया गया कि जीवा पब्लिक स्कूल एन०
इ०पी० का ही रोल मॉडल स्वीकार किया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के कार्य प्रणाली को एक प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। जिसमें बताया
गया विद्यालय में बच्चों को जीवा लर्निंग सिस्टम के आधार पर ही पढ़ाया जाता है उनको सार्वभौमिक शिक्षा
और परंपरागत भारतीय मूल्यों का समावेश करके उच्च कोटि की शिक्षा दी जाती है और बच्चों के चातुर्दिक
विकास पर ज़ोर दिया जाता है।
संस्था के पुरातन ग्रंथ शोध केंद्र से जुड़े जीवा के डायरेक्टर डॉ सत्यनारायण दास बाबा जी ने कहा कि जीवा
की लर्निंग सिस्टम का मूल आधार हमारे देश की पुरातन शिक्षा पद्धति है और इसका प्रत्येक कदम हमारी
इसी महान पद्धति की सीमाओं के दायरे में कार्य करती है।
इस अवसर पर(राष्ट्रीय संयोजिका)श्रीमती अनीता शर्मा जी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से
भारतीय शिक्षा नीति में परिवर्तन करने की कल्पना की जा रही है और परिवर्तन भविष्य में राष्ट्र के लिए
बहुत आवश्यक है। अतः हम सबको मिलकर इस परिवर्तन को अपनाने की आवश्यकता है
विभागाध्यक्ष शिक्षक शिक्षा प्रो० शरद सिन्हा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा शिक्षा व्यवस्था को
एक समग्र रूप प्रदान करने प्रयास किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मातृभाषा में यदि शिक्षा दी जाए
तो वह अधिक कारगर साबित हो सकती है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें भारतीय ज्ञान परंपरा के
विषय विस्तृत जानकारी होनी चाहिए इसके अलावा अपनी संस्कृति और सभ्यता को अवश्य आत्मसात
करना चाहिए।
(अध्यक्षा नैशनल ओपन स्कूल) प्रो सरोज शर्मा ने कहा है कि नई शिक्षा नीति एक लंबे अंतराल में लाई गई है,
जिसका उद्देश्य शिक्षा में गुणवत्ता और विशिष्टता प्रदान करना है, उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय
संस्कृति, भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्धन की आवश्यकता है। जिससे भारतीय सभ्यता और विकसित की जा
सके। उन्होंने जीवा के आयुर्वेदिक तत्वों की भी प्रसंशा की।
(राष्ट्रीय सचिव) डा० अतुल कोठारी जी शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने कहा कि मनुष्य जीवन में छोटे छोटे
बदलाव लाने आवश्यक होते हैं, इसके लिए उसे अपने व्यवहार एवं क्रियाकलापों में परिवर्तन करना चाहिए,
महात्मा गांधी और विवेकानंद जी ने भी जब अपने जीवन में परिवर्तन किया तभी अपने प्रयासों से समाज में
परिवर्तन ला पाए।
उन्होंने जीवा स्कूल की लर्निंग सिस्टम की सराहना की और यह वास्तव में ही नई शिक्षा नीति के अनुरूप है।
(आई आई एस डीजी) दूरदर्शन प्रिया कुमार जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि नई शिक्षा नीति को केवल
विचारों और दृष्टिकोण तक सीमित न रखा जाए बल्कि उसके लिए एक उत्कृष्ट कार्य करें और ठोस कदम के
साथ क्रियान्वयन करें। उन्होंने जीवा पब्लिक स्कूल की शिक्षा पद्धति और लर्निंग सिस्टम की बहुत प्रशंसा की।