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जूनियर रेडक्रॉस सराय ख्वाजा का मेंस्ट्रुअल हाइजीन जागरूकता अभियान

फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे

सराय ख्वाजा फरीदाबाद स्थित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड, जूनियर रेडक्रॉस और गाइड्स द्वारा एन एच पी सी के सहयोग से मेंस्ट्रुअल हाइजीन अवेयरनेस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।

विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि विकाससील भारत के गांव और शहरों में रहने वाली लाखों महिलाएं आज भी मेंस्ट्रुअल हाइजीन से जुड़ी आवश्यक जानकारियों से अनभिज्ञ हैं और उन्‍हें पता भी नहीं कि उनकी थोड़ी सी अनभिज्ञता उन्‍हें हेपेटाइटिस बी, सर्वाइकल कैंसर, संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों की ओर ले जा सकती है। इसका प्रभाव महिलाओं पर शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक रूप से भी लंबी आयु तक परेशान कर सकता है।

मेंस्ट्रुअल हाइजीन का ध्यान न रखने से अतिरिक्त तनाव और चिंता पैदा होती है। मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में बात करने में अभी भी महिलाएं संकोच करती हैं। एन एच पी सी के सहयोग से चलाए गए कार्यक्रम में चिकित्सकों ने कहा कि पीरियड्स में स्वच्छता बनाए रखने से इस प्रकार होने वाले संक्रमण से स्वयं को बचाया जा सकता है। आज भी बहुत महिलाएं पीरियड्स में कपड़े का प्रयोग करती हैं। इस कपड़े का पुनः प्रयोग करने से गंभीर संक्रमण हो सकता है। पीरियड के दौरान कपड़े के स्थान पर पैड का उपयोग करना सुरक्षात्मक होता है। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक एक ही पैड को लगाने से पसीने के कारण पैड नम रहता है।

देर तक ऐसा होने के कारण संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए छः से आठ घंटे में हमें अपना पैड बदल देना चाहिए इस से संक्रमण भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पीरियड्स के दौरान नहाने से आपका शरीर साफ होता है बल्कि आपको अपने प्राइवेट पार्ट को भी अच्छे से साफ करने का अवसर मिलता है। यह पीरियड्स में ऐंठन, पीठ दर्द को दूर करने में भी सहायता करता है, आपके मूड को बेहतर बनाने में भी सहायक होता है। पीरियड्स एक नैचुरल प्रोसेस है जो प्रत्येक लड़की एवम महिला के साथ होती है। आज भी लड़कियां इसे लेकर जागरूक नहीं है, यह न केवल संक्रमण का कारण बनता है बल्कि समय पर उपचार न करने पर बांझपन का कारण भी बन सकता है।

प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों तक पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता भी है। सैनिटरी पैड एक बड़ी खोज है यद्यपि सस्ते मासिक धर्म स्वच्छता उत्पाद भी हैं जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए ठीक हैं और उनके बारे में भी लोगों को बताने की आवश्यकता होती है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने एन एच पी सी का एवम चिकित्सकों की टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब हम स्वच्छता के बारे में बात करते हैं तो हमें सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता और स्वच्छता सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित भी करनी हैं शौचालय उपयोग करने योग्य हों और महिलाएं उन तक पहुंच बनाने में सक्षम हों तो इससे जागरूकता पैदा होगी और स्वच्छता का प्रसार होगा तथा सभी को स्वस्थ रहने की प्रेरणा मिलेगी।इस अवसर पर प्राध्यापिका सुशीला बेनीवाल, ममता सहित अन्य अध्यापकों का विशेष सहयोग रहा।

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