बाल विवाह जैसे अपराध में प्रतिभाग करने वालों पर होगी सख्त कार्यवाही, 2 साल का कारावास व 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान: डीसी विक्रम सिंह
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह करना या कराना दंडनीय अपराध है। किसी भी बालिका, जिसने अपनी आयु 18 वर्ष पूर्ण न की हो एंव किसी भी बालक, जिसने अपनी आयु 21 वर्ष पूर्ण न की हो, का विवाह कराया जाना प्रतिबन्धित है।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह में प्रतिभाग करने वाले व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले व्यस्क पुरुष के लिए एंव बाल विवाह का अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए 2 साल के कठोर कारावास व 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसके शारीरिक एवं मानसिक रूप से गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं। वर्ष 2024 में अक्षय तृतीया 10 मई को है। बाल विवाह रोकने हेतु जिले में विभिन्न प्रकार के जन जागरूक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला आता है तो वह इस बारे में तत्काल हेल्पलाइन नंबर 112, महिला एवं बाल विकास हेल्पलाइन नंबर 181 या स्थानीय पुलिस स्टेशन पर सूचना जरूर दें।