प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण महत्वपूर्ण
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे के अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर विचार विमर्श किया गया। प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम का आयोजन जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और स्काउट्स गाइड्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि प्रदूषण से होने वाली क्षति को देखते हुए प्रत्येक वर्ष दो दिसंबर को नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे के रूप में मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य पॉल्यूशन से छुटकारा पाने के उपायों पर चर्चा करना होता है।
प्रदूषण से मात्र दिल्ली या एनसीआर या भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व परेशान है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि प्रदूषण के तीन रूप हैं प्रथम एयर पॉल्यूशन, द्वितीय साउंड पॉल्यूशन और तृतीय वॉटर पॉल्यूशन। ये तीनों ही हमारे शरीर को अनेकों बीमारियां दे रहे हैं। कुछ समय पूर्व करवाए गए अध्ययन के अनुसार पॉल्यूशन के कारण से भारत में रहने वाले लोगों की औसत आयु पांच वर्ष तक कम हो रही है ऐसे सभी कारकों को देखते हुए प्रत्येक वर्ष दो दिसंबर को नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे के रूप में मनाया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार लगभग ढाई बिलियन व्यक्ति वायु प्रदूषण के संपर्क में हैं। पटाखे चलाना, सड़क पर वाहन, कारखानों से निकलने वाला धुआं, फसलों को जलाना, गैस का रिसाव आदि प्रदूषण बढ़ाने के प्रमुख कारण हैं। जहरीले धुएं का प्रभाव कितना डरावना हो सकता है यह आज से 39 वर्ष पूर्व भोपाल की विनाशकारी गैस त्रासदी ने हम सबको बताया। इस त्रासदी में मारे गए लोगों की स्मृति में हर वर्ष दो दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व भर में दस में से नौ लोग प्रदूषित वायु में सांस लेने को मजबूर हैं। जिस के कारण से वे सांस से जुड़ी बीमारियों जैसे फेफड़ों का कैंसर, ब्रेन या किडनी की क्षति और दिल की बीमारियों से जूझते हैं। सर्दियों का मौसम आते ही उत्तर भारत में हवा की गुणवत्ता प्रदूषित होती चली जाती है। गंभीर प्रदूषण सुबह शाम घर से बाहर निकलने वालों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। वायु प्रदूषण से बचाव के लिए ऐसा आहार और फल खाएं जो आपकी इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के साथ प्रदूषण के प्रभाव को कम कर सकें। सेब में फेलोनिक एसिड्स और फ्लेवोनॉइड्स होते हैं जो वायु मार्ग में होने वाली सूजन को कम करते हैं।
अनानास में भी ऐसे एंज़ाइम्स होते हैं जो वायु मार्ग की सूजन को कम करते हैं और खांसी को कंट्रोल करते हैं। ग्रीन-टी भी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है जो प्रदूषण से होने वाली कई तरह की एलर्जी से लड़ती है और वायु मार्ग को साफ करती है। इसी प्रकार टमाटर विटामिन्स और खनिज पदार्थ को उच्च स्त्रोत हैं, जो श्वसन से जुड़ी समस्या से दूर रखते हैं। धनिया, सहजन की फलियां, अजवायन के पत्ते भी आपकी इम्यूनिटी को दृढ़ता देने का कार्य करते हैं।
प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा, अंग्रेजी प्राध्यापक कुलदीप शर्मा, रविंद्र सिंह डी पी और रविंद्र रोहिल्ला ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए पेटिंग बनाने वाली छात्राओं का अभिनंदन किया और प्रदूषण कम करने के सार्थक प्रयास जैसे पौधारोपण, अधिक से अधिक साइकिल चलाना, पॉलिथीन व प्लास्टिक का बहिष्कार आदि के लिए गंभीरता से कार्य करने के लिए अपील की।