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अग्रवाल महाविद्यालय में उद्यमिता के नए अवसर

फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे

समय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, आज दिनांक 27 सितंबर, 2023 को अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ के उद्यमिता विकास सेल और इन्क्यूबेशन सेंटर ने मेंटर, इंजीनियर संजीव गुप्ता, जीईएम ऑफ मेंटर इंडिया, नीति आयोग (नई दिल्ली) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता, डॉ. मनोज शुक्ला, एसोसिएट प्रोफेसर, अग्रवाल महाविद्यालय बल्लबगढ़, डॉ. डिंपल, सहायक प्रोफेसर, अग्रवाल महाविद्यालय बल्लबगढ़ और इंजीनियर संजीव गुप्ता, जीईएम ऑफ मेंटर इंडिया, नीति आयोग (नई दिल्ली) ने हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य अग्रवाल महाविद्यालय में उद्यमिता विकास सेल और इन्क्यूबेशन सेंटर को मजबूत करना है। इस समझौता ज्ञापन के तहत उद्यमिता विकास सेल और इनक्यूबेशन सेंटर/प्रशिक्षण/इन्क्यूबेशन प्रोग्राम में स्टार्टअप्स को प्रति माह आवश्यक सलाह प्रदान की जायगी।

इस समझौता ज्ञापन के द्वारा छात्रों की सुविधा के लिए, दोनों पक्ष भौतिक और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निर्दिष्ट विषय पर सत्र लेने के लिए सहमत हैं। इस समझौता ज्ञापन की मदद से वे छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे ताकि वे सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी सीख सकें। यह प्रशिक्षण उनकी जानकारी को बढाने व उनको स्टार्टअप के लिए प्रोसाहित करेगा। इसके तहत छात्रों को नीति आयोग के साथ-साथ अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ से भी तकनीकी, आर्थिक और हर प्रकार की प्रबंधन सहायता मिलेगी।
इस समझौता ज्ञापन के तहत, उद्यमिता विकास सेल और इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा एक इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इंजीनियर संजीव गुप्ता, सलाहकार भारत, नीति आयोग (नई दिल्ली) रहें। इस कार्यक्रम का विषय उद्यमिता के प्रति जागरूकता था। यह सत्र अग्रवाल महाविद्यालय बल्लबगढ़ के प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन और निर्देशन में आयोजित किया गया।

मुख्य वक्ता ने व्यवहारिक प्रश्न पूछकर अपने सत्र की शुरुआत बहुत ही इंटरैक्टिव तरीके से की ताकि छात्रों को सहज महसूस हो। उन्होंने उद्यमिता और उद्यमी से संबंधित कुछ प्रश्न भी पूछे। उन्होंने बहुत ही सरल तरीके से उन्हें बताया कि उद्यमिता क्या है और आप एक उद्यमी कैसे बन सकते हैं। उन्होंने छात्रों को स्टार्टअप करने और अपने काम में इनोवेशन करने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया। मुख्य वक्ता ने छात्रों के साथ अपना अनुभव साझा किया और उन्हें व्यवसाय से संबंधित कुछ वास्तविक घटनाएं बताईं। यह सत्र बहुत इंटरैक्टिव रहा और वाणिज्य विभाग के अंतिम वर्ष के 70 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।

विद्यार्थियों ने मुख्य वक्ता से कई सवाल पूछे और जवाब पाकर अपनी जिज्ञासा पूरी की। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज शुक्ला, डॉ. नरेश कामरा, डॉ. रेखा सैन, डॉ. डिम्पल, डॉ. देवेन्द्र ने किया। प्राचार्य महोदय ने सभी सदस्यों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने
के लिए बधाई दी।

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