कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक श्री कश्मीरी लाल
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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में मनाया गया ‘उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन’

फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे

जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा विश्व उद्यमिता दिवस के उपलक्ष्य में स्वावलंबी भारत अभियान के तहत ‘उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। सम्मेलन में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक श्री कश्मीरी लाल मुख्य वक्ता रहे। सम्मेलन में स्वावलंबी भारत अभियान, फरीदाबाद के संरक्षक श्री पंकज हंस तथा श्री गंगाशंकर मिश्र विशिष्ट अतिथि रहे। सम्मेलन की अध्यक्षता कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने की। कार्यक्रम का आयोजन डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. मनीश वशिष्ठ की देखरेख में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तथा स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक श्री कश्मीरी लाल ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को इनोवेशन अपनाने के लिए प्रेरित किया। टैक सिक्योरिटी के संस्थापक एवं प्रख्यात एथिकल हैकर त्रिशनीत अरोड़ा, भारत की साइबर सिक्योरिटी सॉल्युशंस प्रोवाइडर क्विक हील के चेयरमैन कैलाश काटकर, जोहो कंपनी के संस्थापक श्रीधर वेम्बू, बोस कार्पोरेशन के संस्थापक अमर गोपाल जैसे सफल उद्यमियों के अनेकों उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इनोवेशन के लिए डिग्री जरूरी नहीं है, बल्कि आपकी सोच इनोवेटिव होनी चाहिए।
देश के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश में आज चन्द्रयान-3 की बात हो रही है, जोकि स्वदेशी प्रौद्योगिकी का एक अद्भूत उदाहरण है। इससे पहले भी भारत अपनी स्वदेशी प्रौद्योगिकी से दुनिया को आश्चर्य चकित कर चुका है, जिसमें स्वदेशी तकनीक से विकसित सुपर कम्प्यूटर और इसरो का पीएसएलवी राॅकेट भी शामिल हैं, जिसने अपनी एक ही उड़ान में 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर इतिहास रचा था। उन्होंने उद्यमशीलता को अपनाने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने युवाओं को ‘राष्ट्र प्रथम, स्वदेशी प्रथम’ का संदेश भी दिया और इस संदेश को देश के 1100 विश्वविद्यालय तथा 53,000 कॉलेजों तक पहुंचाने के लिए स्वावलंबी भारत अभियान चलाया जा रहा है ताकि नई पीढ़ी एक नई सोच के साथ आगे बढ़े।
स्वावलंबी भारत अभियान, फरीदाबाद के संरक्षक श्री पंकज हंस ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच द्वारा देश के युवाओं को  स्वरोजगार एवं उद्यमशीलता के लिए प्रेरित करने के लिए राष्ट्र व्यापी अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को देश के सफल उद्यमियों की कहानियों से प्रेरित करते हुए स्वरोजगार तथा उद्यमशीलता के लिए प्रेरित करना है ताकि देश में गरीबी मुक्त, बेरोजगारी मुक्त तथा युवाओं के लिए रोजगार के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश में 15-29 वर्ष आयु वर्ग के 37 करोड़ युवा यदि उद्यमशीलता तथा स्वदेशी को अपनायेंगे तो देश को 2030 तक 10 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री गंगाशंकर ने कहा कि जिस तरह चीन ने अपनी जनशक्ति का उपयोग अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए किया, उसी तरह भारत को भी अपनी जनशक्ति को स्वरोजगार एवं उद्यमशीलता के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने देश में सौर ऊर्जा तथा हरित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे कार्यों का भी उल्लेख किया तथा इसे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने विश्व उद्यमी दिवस पर छात्रों और उद्यमियों को बधाई दी और राष्ट्रव्यापी स्वावलम्बी भारत अभियान के माध्यम से स्वदेश जागरण मंच द्वारा की जा रही पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि युवाओं को केवल अपने रोजगार तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें दूसरों के लिए रोजगार पैदा करने की दिशा में काम करना चाहिए और देश के आर्थिक विकास में योगदान देना चाहिए। प्रो. तोमर ने छात्रों को उद्यमिता के लिए प्रेरित किया और उनसे हरित प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों पर काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव शिक्षा, शिक्षक और शैक्षणिक संस्थान ही ला सकते है।

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