सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग से राष्ट्र की उन्नति
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में एम एस एम ई दिवस पर वर्चुअल जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भारत और संयुक्त राष्ट्र मिल कर भारत में आवश्यकता वाले जनों को सब्सिडी उपलब्ध कराने का प्रावधान कर रहे हैं।
विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड अधिकारी एवम प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि सतत विकास के लक्ष्यों के कार्यान्वयन में सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों के योगदान को मान्यता देने हेतु यह दिवस मनाया जाता है। विश्व में सत्तर प्रतिशत लोगों को व्यवसाय एवम आजीविका देने वाला क्षेत्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्रोत है। यह राष्ट्र की उन्नति का द्योतक है।
मनचंदा ने कहा कि भारत आर्थिक अवसरों का लाभ उठाने की ओर अग्रसर है यद्यपि आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों ने निकट अवधि के विकास को प्रभावित किया है और दीर्घकालिक संभावनाओं को धूमिल कर दिया है। हर क्षेत्र और उद्योग को स्वयं को नवीन रूप देने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। इस वर्ष एम एस एम ई दिवस का थीम भारत@100 के लिए भविष्य के लिए तैयार एमएसएमई है। इसी तथ्य पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। नीति, प्रौद्योगिकी, नेतृत्व, कौशल और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को नई क्षमताओं को विकसित करने, उपलब्ध क्षमताओं को बढ़ाने और नए एवम चुनौतीपूर्ण विश्व के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। एम एस एम ई किसी भी अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ आधार रहते हैं और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। भारत जैसे देश की बहुत बड़ी जनसंख्या को आजीविका उपलब्ध कराते हैं। मध्यम, लघु और कुटीर उद्योग विशेषकर क्लॉथ उद्योग तथा अन्य इसी प्रकार के उद्योगों को पुनर्जीवित करने और सामान्य जनों द्वारा उपभोग की जाने वाली दिन प्रतिदिन की वस्तुओं के लिए विनिर्माण केंद्र बनाने में अत्यधिक प्रभावी हैं।प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि डिजिटल इंडिया और मेड इन इंडिया जैसी योजनाओं में सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय पहल की गई हैं।
प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि एम एस एम ई को भविष्य के लिए अधिक लचीला बनना होगा और प्रयासों और प्रोत्साहन पैकेजों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधानों, बढ़ती मुद्रास्फीति और कोविड महामारी के निरंतर प्रभावों से सबसे अधिक प्रभावित लोगों को लक्षित करना चाहिए। नीति निर्माताओं को सुधार से आगे बढ़ना चाहिए और उन उपायों पर विचार करना चाहिए जिनसे एमएसएमई के सामने आने वाली बाधाओं को कम किया जा सके और इस व्यवसायिक वातावरण और वित्त, बाजार और प्रौद्योगिकी तक पहुंच में सुधार किया जा सके। यह महत्वपूर्ण है कि देश और सभी के लिए प्रेरक नवाचार, रचनात्मकता और अच्छे उद्यम के माध्यम से अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें।
प्राचार्य रविंद्र मनचंदा ने प्राध्यापिका गीता व छात्राओं रिया, अंजली और दीपिका का एम एस एम ई के उद्देश्यों से अवगत होने और जागरूक होने के लिए आभार व्यक्त किया।