तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
फरीदाबाद,जनतंत्र टुडे
अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ के पुस्तकालय विभाग द्वारा “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से पुस्तकालयों का सतत विकास” विषय पर तीन-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अग्रवाल महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता जी के नेतृत्व में किया गया। संगोष्ठी को राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन कोलकता और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित व अनुमोदित किया गया है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता जी ने की। कार्यक्रम का प्रारंभ दीपशिखा प्रज्ज्वलन एवं पौधों भेंटकर अतिथियों के सत्कार के साथ हुआ। संगोष्ठी निर्देशक और महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी एक मंच प्रदान करेगी और विद्वतगणों और शोध छात्रो को नई खोज का मार्ग प्रशस्त करेगी। संगोष्ठी का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से पुस्तकालय विकास के विभिन्न पहलुओं को बारीकियों से समझना तथा भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार कराना है। महाविद्यालय में पुस्तकालय और पुस्तकालय अध्यक्ष का विशेष योगदान है l पुस्तकालय को मंदिर के गर्भ गृह का नाम देकर पुस्तकालय उपयोग की तरफ ध्यान दिलाया l राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में जो भारतीय ज्ञान परंपरा की बात कहीं है वह केवल मात्र पुस्तकालय में ही मिल सकती हैं l
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम से कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार जी रहें। जिन्होंने अपने संबोधन में पुस्तकालय को आध्यात्मिक स्थान बताते हुए पुस्तकालय भवन में बैठकर पढ़ने का विशेष महत्व बताया l उन्होंने तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के शीर्षक की प्रशंसा करते हुए सामग्र कल्याण और समग्र विकास की बात कही l अध्यापक को शिक्षण वातावरण को ओर अधिक रोचक बनाने पर जोर दिया l कुलपति जी मुख्य रूप से क्षण गवाय बिना शिक्षण की बात कही और आधुनिक युग में एकत्रित होकर पुस्तकालय के सतत विकास में भी अपना योगदान दे सकते हैं पर जोर दिया l
बीज वक्ता प्रोफेसर के.पी. सिंह पुस्तकालय विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली व निदेशक, गांधी भवन, नई दिल्ली से रहें। इन्होंने अपने संबोधन में समग्र विकास के लिए प्रकृति संतुलन को मुख्यतः बताया l वसुधैव कुटुंबकम के महत्व को बताते हुए समग्र कल्याण पर जोर दिया साथ ही सकारात्मक परिवर्तन की बात कही l
विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर एम.पी. सिंह बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ से रहें। इन्होंने पुस्तकालय-विद्या का मंदिर और पुस्तकालय अध्यक्ष को मार्गदर्शक बताया l समग्र विकास हेतु पुस्तकालय का निरंतर उपयोग बहुत आवश्यक बताया साथ ही बताया कि गूगल एक मिनट में लाखों उत्तर दे सकता है पर पुस्तकालय अध्यक्ष ही सही समय पर सही मार्गदर्शक करता है l
संगोष्ठी की विषय वस्तु और उद्देश्यों को संगोष्ठी के संयोजक व पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र ने प्रस्तुत किया। उद्घाटन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन से सह-संयोजिका डॉ. गीता गुप्ता ने किया। इस अवसर पर एडिटिंग पुस्तक प्रकाशित की गई जिसका शीर्षक है Sustainable Development of Libraries Through NEP 2020 जो डॉ. कृष्णकांत गुप्ता, डॉ. रामचंद्र, डॉ. गीता गुप्ता, डॉ. सारिका कंजालिया द्वारा संपादित की गई। एक ओर पुस्तक जिसका शीर्षक है -E- Governance Framework for a Modern Digital Society प्रकाशित की गई, जो डॉ. विनीत नागपाल द्वरा लिखित है l विभिन्न विश्वविद्यालय महाविद्यालय के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों की उपस्थिति और कल्याण मंत्र के साथ उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ।
प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर के. पी. सिंह, पुस्तकालय विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली व गांधी भवन, दिल्ली ने की । उन्होंने मुख्य रूप से अपनी जड़ों से जुड़े रहने की बात कही। आमंत्रित वार्ता डॉ. मयंक त्रिवेदी, पुस्तकालय अध्यक्ष, महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, बडोदरा, गुजरात में की l उन्होंने अपने वक्तव्य में एसडीजी के 17 लक्ष्यों पर जोर देते हुए पुस्तकालय को मार्गदर्शक बताया इस सत्र में 10 पेपर प्रस्तुत किए गएl सत्र संचालन डॉ. इनयात चौधरी द्वारा किया गया l तकनीकी सत्र दो (अ) की अध्यक्षता डॉ. मयंक त्रिवेदी, पुस्तकालय अध्यक्ष, महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ोदरा, गुजरात में कीl इस सत्र में आमंत्रित वार्ता प्रोफेसर दिनेश गुप्ता, पुस्तकालय विभाग, कुरुक्षेत्र व प्रोफेसर एम.पी. सिंह, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) लखनऊ ने की l इस सत्र में 10 पेपर प्रस्तुत किए गएl सत्र संचालन डॉ. पूजा सैनी द्वारा किया गया l तकनीकी सत्र दो (ब) जोकि डिजिटल माध्यम से संचालित किया गया जिसकी अध्यक्षता डॉ. सत्यप्रकाश, अग्रसेन महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय,नई दिल्ली ने कीl इस सत्र में 10 पेपर प्रस्तुत किए गए l सत्र संचालन डॉ. सचिन गर्ग द्वारा किया गया l आज का अंतिम व तकनीकी सत्र तीन जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर दिनेश गुप्ता पुस्तकालय विभाग, कुरुक्षेत्र ने की l आमंत्रित वक्ता डॉ. मनोज शुक्ला, अग्रवाल महाविद्यालय बल्लभगढ़ व डॉ. स्टीफन अड़ेकुनले अजय, सीनियर लेक्चरर, पॉलिटेक्निकल ईडीई, नाइजीरिया रहें l इस सत्र में 10 पेपर प्रस्तुत किए गएl सत्र संचालन उदिता कुंडू द्वारा किया गया l त्रि-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिन भारत नाइजीरिया, केन्या, दुबई, सिंगापुर इत्यादि से आमंत्रित वक्ता और शोधार्थियों ने लगभग 40 पत्र प्रस्तुत किए l गोष्ठी में देश विदेश से 130 पंजीकरण कराया l दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, राजस्थान इत्यादि भारत के विभिन्न राज्यों से प्रतिभागी उपस्थित रहें l आज डिजिटल माध्यम से लगभग 60 और 70 शारीरिक रूप से उपस्थित रहें.
संगोष्ठी को सफल बनाने में संगोष्ठी संयोजक डॉ. रामचंद्र, सह-संयोजिका डॉ. गीता गुप्ता, आयोजन सचिव डॉ. सारिका कंजालिया, आयोजन सह- सचिव डॉ. सचिन गर्ग, विभिन्न सत्र संचालक, डॉ. के.एल. कौशिक, डॉ. मनोज शुक्ला, डॉ.नरेश कामरा, डॉ. जयपाल सिंह, डॉ. रेखा सैन, मिस्टर सुभाष, डॉ. जगबीर, डॉ. विनीत, मिस्टर लवकेश इत्यादि का विशेष योगदान रहा l